बुराड़ी कांड: घटना से पहले हुआ था मौत का रिहर्सल, यकीन था…पिता की आत्मा खोल देगी हाथ!
अब इस अनसुलझे मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम (साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी) कर रही है। इसमें मृत 11 लोगों के दिमाग के पढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, मेडिकल साइंस में इस प्रक्रिया को ब्रेन स्टडी भी कहा जाता है। मतलब मरने से पहले मृतक के दिमाग में क्या बदलाव आया होगा या उसकी दिनचर्या क्या रही होगी।
बुराड़ी कांड: पुलिस के हाथ लगी अहम जानकारी, 25 नोटबुक में छुपा है मौत का रहस्य!
दरअसल, साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी खासकर आत्महत्या वाले केसों में होती है। इसकी खास बात यह भी है कि इस प्रक्रिया में शव या उसकी बॉडी के किसी भी पार्ट की कोई जरूरत नहीं होती है। जब साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी की रिपोर्ट तैयार की जाती है तो उस समय पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अलावा मृतक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गौर किया जाता है। इसके साथ ही पड़ोसियों, परीचितों व घटना से जुड़े लोगों से बातचीत के आधार पर अलग-अलग एंगल पर गौर किया जाता है।
बरगद के पेड़ में छुपा बुराड़ी कांड का रहस्य? गदा बाबा ने किया था भाटिया परिवार का ब्रेन वॉश
साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में टीम भाटिया परिवार से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर जांच करेगी। जैसे कि परिवार के सदस्यों की वीडियो, सुसाइड से पहले की तैयारियां, घर में मिला रजिस्टर आदि। इन सबकी गहनता से जांच की जाएगी।