एक महीने पहले सीबीआई को मिला केस 30 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने दाती महाराज के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में तहकीकात सीबीआई को सौंपी थी। इससे पहले मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी
शिष्या ने लगाया था अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ित महिला ने दिल्ली के शनिधाम न्यास के संस्थापक के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया। दिल्ली पुलिस ने मामले में एक अक्टूबर को दाती महाराज व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अदालत ने सीबीआई से तीन सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था। सीबीआई की प्राथमिकी में दाती महाराज ऊर्फ दाती मदन लाल राजस्थानी व उसके तीन सहयोगियों अशोक, अर्जुन और अनिल पर दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी में नौ जनवरी, 2016 को अपने आश्रम में 25 साल की अनुयायी के साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप है।