रखरखाव के लिए तैयार
इस बारे में पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने कहा कि सभी पुलिस थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी साइबर विशेषज्ञों, साइबर थाने के अधिकारियों की ओर से प्रशिक्षित किया गया है। मेंगलूरु पुलिस कमिश्नरेट में साइबर मामलों में बढ़ोतरी के चलते सेन थाने में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। अन्य पुलिस थानों को भी साइबर मामले दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया गया है। नवनियुक्त पीएसआई को कम से कम 2 साइबर मामलों की जांच अनिवार्य रूप से करने का आदेश दिया गया है।
असली अधिकारी बैंक की जानकारी नहीं मांगता
पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के बारे में वीडियो, बुकलेट के माध्यम से महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों सहित जनता के बीच जागरूकता पैदा की जाएगी। जनता को आसानी से पैसा कमाने के लालच में नहीं फंसना चाहिए। सीमा शुल्क, आयकर, सीबीआई सहित कोई भी अधिकारी फोन या ई-मेल पर बैंक खाते की जानकारी नहीं मांगते हैं। धोखाधड़ी की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना या 1930 हेल्पलाइन पर देनी चाहिए।
बड़े मामलों के लिए सेन
दक्षिण कन्नड़ के जिला पुलिस अधीक्षक सीबी ऋष्यंत ने कहा कि बेहद जटिल और बड़े पैमाने के साइबर मामलों को छोडक़र बाकी सभी मामलों को स्थानीय थाने में दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया गया है। साइबर विशेषज्ञों की ओर से उचित प्रशिक्षण भी दिया गया है। साइबर ठगी होते ही जनता स्थानीय थाने में शिकायत करा सकती है।
उडुपी जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. के. अरुण ने कहा कि उडुपी जिले में भी सिर्फ सेन थाना ही नहीं बल्कि अन्य थानों में भी साइबर से संबंधित मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए हैं।
20 फीसदी रकम बरामद की
साइबर मामलों की प्रभावी और त्वरित जांच, सभी पुलिसकर्मियों को साइबर मामलों में अनुभव प्राप्त करने और जनता को त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए न केवल सेन बल्कि अन्य सभी थानों में भी साइबर मामले दर्ज कर उनकी जांच की जाएगी। इसके लिए दिशानिर्देश (एसओपी) जारी किए गए हैं। धोखाधड़ी के बारे में पता चलते ही 1930 हेल्पलाइन और पुलिस को सूचित करने पर खोए हुए पैसे वापस पाना संभव है। इस प्रकार से जालसाजों के खाते से 20 फीसदी रकम बरामद की गई है।
–अनुपम अग्रवाल, पुलिस आयुक्त, मेंगलूरु