बुराड़ी कांड: पुलिस के हाथ लगी अहम जानकारी, 25 नोटबुक में छुपा है मौत का रहस्य!
मोक्ष प्राप्ति का बस रिहर्सल
पुलिस के अनुसार यह घटना भी मोक्ष प्राप्ति का बस रिहर्सल मात्र थी। दरअसल, इन लोगों को भरोसा था कि उनके फंदे पर लटकते ही मृत पिता उनको आकर बचा लेंगे। दरअसल, ललित के पिता भोपाल दास की मौत 2007 में हुई थी। ललित कहना था कि तभी से उसके पिता उसको दिखाई देते थे। यही कारण था कि ललित को इस बात पर विश्वास हो चला था कि वह अपने पिता की आत्मा से जुड़ा है।
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हमारे पापा के ऊपर दादाजी आए थे
दरअसल, यह खुलासा उन लोगों ने किया है, जिनके बच्चे ललित के बच्चों के साथ पढ़ते थे। ललित के बच्चे उनसे बताते थे कि ‘आज फिर हमारे पापा के ऊपर दादाजी आए थे।’ पुलिस के अनुसार बाकि शवों के साथ ललित के बड़े भाई भुवनेश का शव कुछ ऐसी हालत में मिला था, जिससे ह अनुमान लगाया जा सकता है कि उसने मरने से पहले अपने चेहरे को इधर-उधर कर फंदे को हटाने का प्रयास किया होगा, हालांकि उसकी कोशिश कामयाब नहीं हो पाई थी। मामले की जांच में जुटी दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो पुलिस के हाथ घटना से जुड़ी कुछ अहम जानकारी हाथ लगी। लोगों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि भाटिया परिवार में छोटे बेटे ललित की ही चलती थी।