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क्राइम ब्रांच का खुलासाः इस बीमारी की वजह से एक परिवार के 11 लोगों ने मौत को गले लगा लिया

क्राइम ब्रांच का खुलासाः इस बीमारी की वजह से एक परिवार के 11 लोगों ने मौत को गले लगा लिया

Jul 04, 2018 / 05:46 pm

धीरज शर्मा

burari case

क्राइम ब्रांच का खुलासाः इस बीमारी की वजह से एक परिवार के 11 लोगों ने मौत को गले लगा लिया

नई दिल्ली। बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों ने मोक्ष के लिए मौत को गले लगा लिया। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। हालाकि इस घटना के बाद लगातार हत्या और आत्महत्या के आस-पास शक की सुई घूमती रही। एक थ्योरी ये सामने आई कि तंत्र-मंत्र के चलते पूरे परिवार ने खुदकुशी कर ली। लेकिन अब जो खुलासा हुआ है वो आपके भी सन्न कर देगा। जी हां एक परिवार के 11 लोगों ने जब एक अजीब बीमारी के चलते मौत को गले लगा लिया। दरअसल ये पूरा परिवार एक ऐसी बीमारी से पीड़ित था जिसमें इंसान कुछ भी कर सकता है, यहां तक की अपनी जान भी ले सकता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में…
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जांच के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम ने इस परिवार की गतिविधियों के बारे में मनोवैज्ञानिकों से चर्चा की है। बातचीत में जो बात सामने आई है वो है कि ये पूरा परिवार एक अजीब से मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित था। इस बीमारी को ‘शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर’ कहते है। परिवार के सदस्यों के जो लक्षण हैं वो इस बीमारी से पूरी तरह मिलते हैं। मनोवैज्ञानिकों से इस केस के बारे में चर्चा करने के बाद क्राइम ब्रांच को पूरा भरोसा हो गया है कि यह परिवार शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर की बीमारी से ग्रसित था।

क्या है ये बीमारी और क्या है इसके लक्षण
आपको बताते हैं कि क्‍या है शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर बीमारी और इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के क्‍या लक्षण होते हैं। शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर को बोलचाल की भाषा में सामूहिक पागलपन कहा जा सकता है। दरअसल ये बीमारी एक तरह की मेंटल डिसऑर्डर की बीमारी है और इस बीमारी की वजह से मरीज कुछ भी कर सकता है। यह पागलपन एक शख्‍स नहीं, बल्कि एक समूह से जुड़ा हुआ होता है। ज्‍यादातर मामलों में देखा गया है कि शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर से पीड़ित मरीजों का समूह एक ही परिवार के सदस्‍य होते हैं।

एक जैसी होती है मनोदशा
इस डिसऑर्डर के मरीजों में एक कॉमन चीज होती है वो है मनोदशा। सभी एक जैसी स्थिति से गुजर रहे होते हैं। ऐसे में हर मरीज दूसरे मरीज या इस केस में कहें परिवार के दूसरे सदस्य पर आंख मूंद कर भरोसा करता है। ये लोग आपस में मिलकर एक मुखिया चुन लेते हैं। इसके बाद जो मुखिया तय करता है सभी सदस्य वैसा-वैसा करते चले जाते हैं। आम तौर पर ये बीमारी एक परिवार में देखने को मिलती है।
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काल्पनिक दुनिया में ही रहते हैं
शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर का प्रमुख लक्षण ये है कि इस बीमारी से ग्रसित मरीज अपनी काल्पनिक दुनिया बना लेते हैं और इसी में जीने लगते हैं। ये सभी मरीज मानते हैं कि कोई अदृश्य शक्ति इन पर अपनी नजर रख रही है। इन्हें इन शक्तियों की आवाजें भी सुनाई देने लगती हैं। जैसे बुराड़ी केस में ललित अपने पिता से सपने में बातें करता, इस बात का जिक्र उसने खुद अपनी डायरी में किया है। मनोचिकित्सकों की माने तो कई बार हम अपने आस-पास ऐसे परिवार को देखते हैं जो आमतौर पर अपने में ही मस्त रहता है। न लोगों से ज्यादा मिलता है और न ज्यादा बातें करता है। दरअसल इस तरह के लोग अपने में ही रहना पसंद करते हैं।

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