केवल 12 घंटे के भीतर दो घटनाएं, Dark Web पर 18 लाख भारतीयों की जानकारी और आधार कार्ड Leak
नौकरी चाहने वाले ( Jobseekers ) लाखों भारतीयों के Leak Data की जांच जारी।
Cyber Criminal डाटा लीक में तो Cyber Experts लगे Data Security में।
19 मई को मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के 18 लाख निवासियों का विवरण मुफ्त में लीक।
नई दिल्ली। भले ही साइबर क्राइम ( Cybercrime Experts ) एजेंसियां और विशेषज्ञ नौकरी चाहने वाले लाखों भारतीयों के निजी विवरण के डार्क वेब ( Dark Web ) पर लीक होने के मामले की जांच में जुटे हों, लेकिन पिछले 12 घंटों के भीतर दो और ऐसे ही मामले ( Data Leak ) सामने आ गए हैं। जाहिर है कि पहले से ही डाटा लीक की तहकीकात में जुटी एजेंसियों ( Cybercrime Agencies ) के साथ ही इन घटनाओं ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
इससे पहले लगभग 2.9 करोड़ नौकरीपेशा ( Jobseekers ) लोगों की जानकारी लीक होने का पता अमरीका की साइबर इंटेलीजेंस फर्म साइबल इंक ने लगाया था। यह कंपनी लीक के स्रोत का पता लगाने और अपराधियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। साइबल के संस्थापक बीनू अरोड़ा ने बताया कि पिछले 12 घंटों में कुछ समय के लिए आधार कार्ड को डार्क वेब पर पोस्ट किया गया था।
द हिंदू से बातचीत में अरोड़ा ने कहा, “हमें नहीं पता है कि यह लीक कैसे हुआ। यह एक नामी अपराधी का काम है जिसने अभी इसे लीक करने का फैसला किया। लीक के मामले में इसके पास लगभग 2,000 आधार कार्ड हैं। बड़ी संख्या में फाइलें वर्ष 2019 की नजर आ रही हैं। कई आईडी मोबाइल कैमरों से स्कैन की गई हैं और इन्हें वॉट्सऐप पर अन्य लोगों को ट्रांसफर किया गया होगा। यह ज्यादा संभावना है कि काफी संख्या में आईडी हासिल की गई हों लेकिन अपराधी ने केवल एक छोटी संख्या को ही शेयर करने का फैसला किया हो। हम अभी भी इस मामले को देख रहे हैं।”
अरोड़ा ने कहा, “आधार लीक करने वाले ने एक दूसरा लीक भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने 19 मई को मध्य प्रदेश के 18 लाख निवासियों का विवरण मुफ्त में दिया। हमने इस लीक की पहचान नौकरी ढूंढने वाले डेटा की जांच के दौरान की।” सूत्रों ने पुष्टि की कि राज्य और केंद्रीय साइबर क्राइम एजेंसियों ने भी इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है।
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