Coronavirus से लड़ाई में Central railway ने उतारा Robot ‘कैप्टन अर्जुन’, जानें कैसे करेगा काम?
एसीबी के एएसपी चंद्रशील ठाकुर के अनुसार 2017 में हुई नियुक्ति से अब तक कंसलटेंट सत्यनारायण मीणा ने जितने भी आवेदन स्वीकृत किए हैं, उन सभी को जांच के दायरे में लाया जाएगा। ठाकुर ने बताया कि इस अवधि में पीएम आवास के लगभग 517 आवेदन स्वीकृत किए गए। इनमें से 400 आवदेकों को पहली किश्त भी मिल चुकी है। जबकि 117 आवेदकों पहली किस्त मिलने ही वाली है। एसीबी ने इस पूरी स्कीम में बड़े बड़ी धांधली की आशंका है। एसीबी का कहना है कि जिन 400 आवेदकोंको योजना की पहली किस्त मिली है, उन्होंने मकान निर्माण का काम शुरू नहीं किया है। सीबी का मानना है कि जेईएन ने इन आवेदकों को फर्जी तरीके पैसा दिलवाया है।
Jammu-Kashmir: Baramulla में PAK Army ने LOC पर की फायरिंग, गोलीबारी में महिला की मौत
एसीबी के सीआई दलवीर फौजदार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस केस की जांच के लिए लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की एक टीम गठित की जाएगी। जिन 400 लोगों को किस्त मिल चुकी है, उनके निर्माणधीन भवनों को औचक निरीक्षण और सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही कोटा यूआईटी ने रिश्वत के आरोपी कंसलटेंट सत्यनारायण की फर्म को काली सूची में डाल दिया है।