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Husband murder: पति की हत्या कर फरार हुई पत्नी 2 दिन बाद ही गिरफ्तार, बोली- मेरे चरित्र पर करता था शक एसपी रजनेश सिंह ने शुक्रवार को बिलासागुड़ी में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी टिकरापारा निवासी संजीव ऊर्फ सुच्चा सिंह छाबड़ा 20 साल से छत्तीसगढ़ समेत राज्य के बाहर कई जिलों में सिंडिकेट बनाकर नशे का
अवैध कारोबार कर रहा था। इसकी बदौलत उसने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में करोड़ों की संपत्ति बना रखी है।
बिलासपुर में ही इतने मामले दर्ज
सरगना के खिलाफ 2007 से लेकर 2023 तक
बिलासपुर के विभिन्न थानों में एनडीपीएस के कई अपराध दर्ज हैं। कोनी पुलिस ने 5253 नशीली इंजेक्शन, तारबाहर पुलिस ने अलग-अलग समय में 1500 और 9600 नशीली इंजेक्शन बरामद किया था। इसके अलावा कोतवाली पुलिस ने 7200 नशीली टेबलेट जब्त किया था। सरकंडा पुलिस ने 102 नशे के इंजेक्शन के अलावा 20 कोडिन सिरप बरामद किया था। जबकि, सिविल लाइन पुलिस ने 1645 एविल जब्त किया था। ये सब सरगना के लोगों से जब्त किए गए थे और उन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई की गई थी, लेकिन संजीव पकड़ से बाहर ही रहा।
मास्टरमाइंड है आरोपी
एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि जिले में नशे के खिलाफ लगातार धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान गिरफ्तार ज्यादातर आरोपियों ने बताया कि वे नशे का कारोबार मास्टर माइंड संजीव ऊर्फ सुच्चा छावड़ा के इशारे पर कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने सुच्चा सिंह का बायोडाटा खंगाला। अलग-अलग थानों में दर्ज अपराधों की सूची तैयार की गई। इसके बाद एसीसीयू और पुलिस की टीम उनकी तलाश में जुट गई। आखिरकार उसे दबोच ही लिया गया।
कई राज्यों में चल-अचल संपत्ति
पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी संजीव मोबाइल में संपर्क कर शहर में नशीली दवाईयों की सप्लाई करता है। आरोपी को गिरफ्तार करने नगर पुलिस अधीक्षक निमितेश सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम ने इस दौरान संजीव उर्फ सुच्चा सिंह के बैंक अकाउंट और संपत्तियों को खंगाला। पता चला कि छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों में उसकी चल-अचल संपत्ति है। 20 साल से शहर में नशीली दवाइयों की सप्लाई कर रहा है। संपत्ति का ब्यौरा
- नागपुर के मोदा में चार दुकान बनवाया और जमीन
- दिल्ली के फरीदाबाद में अग्रवाल प्राॅपर्टी से जमीन का इकरारनामा
- परसवाड़ा, जबलपुर, मध्यप्रदेश में उसने तीन जगह जमीन खरीदी है।
फर्जी मेडिकल लाइसेंस के दम पर कारोबार
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 2005 से शहर में नशीली दवाईयों का कारोबार कर रहा है। फर्जी मेडिकल लाइसेंस बनाकर अवैध कारोबार को अंजाम दे रहा है। साल 2014 में पुलिस का दबाव बढऩे पर शहर छोड़कर नागपुर चला गया।
शेयर मार्केट व रियल इस्टेट में इन्वेस्ट
वर्ष 2023 में बिलासपुर शहर के आस-पास रहकर आरोपी पप्पू श्रीवास और आकांक्षा को नशीली दवाई शहर में बेचने के लिए देना शुरू किया। नशीली दवा से कमाई रकम को शेयर बाजार में लगाया। इसी दौरान बिलासपुर पुलिस ने नागपुर में धावा बोला। पुलिस से बचकर वह नया बसेरा जबलपुर में रहने लगा। लोगों की नजरों से बचने के लिए छाबड़ा कंस्ट्रक्शन बनाकर काम करने लगा। लेकिन गुप्त रूप से नशे का व्यापार ही करता रहा।
संपत्ति कुर्की की तैयारी
पुलिस कप्तान सिंह ने बताया कि आरोपी के तार राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हैं। आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर मेडिकल दवा लायसेंस लिया और अपने लोगों से कारोबार संचालित कराता रहा। करोड़ों की संपत्ति बनाई। पुुलिस को उम्मीद है कि आरोपी से अभी बहुत जानकारी मिलेगी। जल्द ही आरोपी की संपत्ति को सीज कर कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।