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सुकमा

व्यापारियों की धान खपाने की फिराक में किसान, अधिकारियों ने 498 बोरा लावारिस धान जब्त किया

लेकिन हजारों बोरे धान बेच कर समर्थन मूल्य प्राप्त किया। जो व्यापारी के मोहरे थे।

सुकमाJan 15, 2019 / 01:04 pm

चंदू निर्मलकर

Paddy will be Bought in warehouse,

Paddy will be Bought in warehouse,

सुकमा/गीदम. कृषि उपज मंडी गीदम के धान खऱीदी केंद्र से 498 बोरा लावारिस धान जब्त किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस लावारिस धान को 4 लोगों के नाम से टोकन कटवाने की कोशिश की गई। लेकिन कोशिश नाकाम रही। धान खरीदी केंद्र गीदम व्यापारियों का धान खरीद कर खपाने में पहले भी सुर्खियों में रहा है। पिछले कई वर्षों में ऐसे भी कई किसान हुए जिन्होंने अपने खेतों में एक भी बोरा धान का उत्पादन नही किया। लेकिन हजारों बोरे धान बेच कर समर्थन मूल्य प्राप्त किया। जो व्यापारी के मोहरे थे।
कुछ इसी अंदाज में आज कृषि उपज मंडी गीदम के प्रांगण में 498 बोरे लावारिस धान की कहानी कुछ इसी तरफ इशारा करती नजर आ रही है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन इस मामले में जो 498 बोरा लावारिस धान कृषि उपज मंडी में मौजूद है उस धान का लावारिस केस बनाती है या दोषियों पर नकेल कसती है। चूंकि 498 बोरा धान कोई छोटी मोटी बात नही है इसके पीछे के छिपे चेहरों को शासन प्रशासन बेनकाब कर पाती है या नही।
कृषि उपज मंडी गीदम लेम्प अध्यक्ष गीदम बोगाराम ताती का कहना है कि गलत है तो गलत है सही है तो सही है। सही ये है कि समर्थन मूल्य में छोटे किसानों को कही न कही उनको नुकसान पहुंचता है। जब व्यापारियों का धान किसानों के नाम पर खपा दिया जाता है। जिससे छोटे किसान अपने धान बेचने से वंचित हो जाता है। गलत यह है कि व्यापारियों का धान लेम्पस के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिली भगत से खपा दिया जाता है जो सरासर गलत है।

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