रेस्तरां और कूरियर कंपनी में काभी भी किया
निखिल ने ब्रिस्बेन में अपना क्रिकेट करियर आगे बढ़ाने का फैसला किया, लेकिन उन्हें इसके लिए आर्थिक रूप से भी मजबूत होना था। शुरुआत में निखिल ने एक मैक्सिकन रेस्तरां में काम करना शुरू किया, लेकिन उंगली में चाकू से चोट लगने के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया पोस्ट में एक कूरियर ब्वॉय की नौकरी कर ली। कूरियर बॉय की नौकरी के कारण उन्हें ब्रिस्बेन को बेहतर तरीके से जानने का मौका मिला।
बिग बैश में खेलना था लक्ष्य
निखिल ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में बसने के बाद मेरा लक्ष्य बिग बैश में जगह बनाना था ताकि मुझे अपना कौशल दिखाने के लिए एक बड़ा मंच मिल सके। उन्होंने कहा, ब्रिस्बेन में मैंने एक नई शुरुआत की। मुझे यहां के तेज और उछाल वाले विकेटों पर अपनी तकनीक बदलने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि भारत में घरेलू क्रिकेट अक्सर ऐसे ही विकेटों पर खेला जाता है। यहां वैसी टर्निंग पिच नहीं हैं जैसी आप टेस्ट मैचों में देखते हैं। हालांकि यहां मुझे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
क्लब क्रिकेट से मिली पहचान
क्वींसलैंड के टी-20 मैक्स टूर्नामेंट में निखिल ने अपनी बल्लेबाजी से कमाल किया। सेमीफाइनल में उन्होंने 28 गेंदों पर 71 रन की विस्फोटक पारी खेल सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इस पारी में उन्होंने 7 छक्के लगाए। निखिल के प्रदर्शन को देखकर होबार्ट हरिकेंस ने उन्हें इस सीजन के लिए साइन किया।
डेविड वॉर्नर विदाई टेस्ट से पहले हुए भावुक, बचपन के दोस्त ख्वाजा बोले- थोड़ा भी नहीं बदला
कोच की सिफारिश से मिला मौका
निखिल बताते हैं कि उनके कोच जेम्स होप्स की सिफारिश पर उन्हें बिग बैश लीग की फ्रेंचाइजी होबार्ट हुर्रिकेंस से खेलने का मौका मिला। होप्स फ्रेंचाइजी के सपोर्ट स्टाफ में शामिल हैं। बिग बैश 2023-24 में अपने पहले मैच में भारतीय मूल के ऑलराउंडर ने पर्थ स्कॉर्चर्स के खिलाफ 40 रन की तूफानी पारी खेलकर सबको रोमांचित कर दिया था।
बिग बैश में खेलने वाले भारतीय मूल के दूसरे क्रिकेटर बने
निखिल बिग बैश लीग में खेलने वाले भारतीय मूल के दूसरे क्रिकेटर बन गए हैं। उनसे पहले उन्मुक्त चंद ने बिग बैश लीग में पदार्पण किया था। निखिल टीम के लिए अपना सौ फीसदी प्रदर्शन कर खिताब जीतना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मैं पिछले तीन सालों से इस अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था, मैं आभारी हूं कि मुझे यह मौका मिला।