मुंबई के पृथ्वी शॉ शानदार फॉर्म में-
दोनों टीमों पर नजर डाली जाए तो मैच में मुंबई का पलड़ा भारी माना जा रहा है। इसका कारण उसकी मजबूत और गहरी बल्लेबाजी है। टीम में युवा पृथ्वी शॉ का बल्ला जमकर बोल रहा है। उन्होंने इस टूर्नामेंट के सिर्फ चार मैच खेले हैं और 348 रन बना डाले हैं। हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करने वाले इस युवा ने अपने बल्ले की चमक को विश्व भर में दिखाया है। शॉ लौटकर हैदराबाद के खिलाफ सेमीफाइनल में खेले और अर्धशतक जड़ा।
मुंबई को इनसे भी उम्मीद-
पृथ्वी के अलावा कप्तान श्रेयस अय्यर का बल्ला भी फॉर्म में है। अय्यर ने भी सेमीफाइनल में अर्धशतक जमाया था। अय्यर छह मैचों में 366 रन बना चुके हैं। इन दोनों के अलावा भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे भी फॉर्म में हैं। टीम के पास सूर्यकुमार यादव और आदित्य तारे जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी हैं। गेंदबाजी में मुंबई को धवल कुलकर्णी से उम्मीदें होंगी। शम्स मुलानी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है और आठ मैचों में 16 विकेट ले चुके हैं।
गौतम गंभीर से दिल्ली को उम्मीदें-
दिल्ली टीम की ताकत भी उसकी बल्लेबाजी है। कप्तान गौतम गंभीर अपनी टीम का आगे आकर नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने नौ मैचों में 517 बनाए हैं। फाइनल में अगर दिल्ली को जीत हासिल करनी है तो गंभीर को बल्ले के साथ-साथ कप्तानी वाली फॉर्म को भी बनाए रखना होगा। गंभीर का अनुभव इस मैच में अंतर पैदा कर सकता है।
दिल्ली के लिए ये खिलाड़ी भी दिखा रहे हैं दम-
गंभीर के अलावा बल्लेबाजी में नीतीश राणे, उन्मुक्त चंद और ध्रुव शौरे का बल्ला भी अच्छा बोल रहा है। साथ ही टीम को सलामी बल्लेबाज उन्मुक्त चंद से भी उम्मीदें है। गेंदबाजी में कुलवंत खेजरोलिया और नवदीप सैनी से दिल्ली को उम्मीदें होंगी। दिल्ली की टीम को भी मुंबई के मुकाबले कम नहीं आका जा सकता।