दरअसल, मैच से पहले ख्वाजा ने अभ्यास सत्र में ऐसे जूते पहने, जिससे सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। ख्वाजा के जूतों पर लिखा था, ‘स्वतंत्रता एक मानवाधिकार है’ और ‘सभी का जीवन समान है’। ऐसा माना जा रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इस जूते को पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भी पहनेंगे। ऐसे में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) ने इन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नियमों कि हिदायत देते हुए चेतावनी दी है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक बयान में कहा, ‘हम अपने खिलाड़ियों के निजी राय व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन आईसीसी के कुछ ऐसे नियम हैं जो व्यक्तिगत संदेशों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाते हैं, जिसे हम खिलाड़ियों से बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।’ ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान पैट कमिंस से भी इस विषय के बारे में पूछा गया था। तब उन्होंने खुलासा किया कि ख्वाजा ने पर्थ टेस्ट के पहले दिन उन जूतों को पहनने के विचार को खारिज कर दिया है।
कप्तान पैट कमिंस, “उनके जूतों पर कुछ शब्द थे। मैंने इस बारे में ख्वाजा से बातचीत की। मुझे नहीं लगता कि उनका इरादा हंगामा करने का था। हम उनका समर्थन करते हैं। ख्वाजा ने कहा कि वह इसे नहीं पहनेंगे।” विवाद बढ़ने के बाद ख्वाजा ने वीडियो शेयर कर कहा, “सभी का जीवन एक समान है। स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है। मैं मानवाधिकारों के लिए और मानवीय अपील के लिए आवाज उठा रहा हूं। अगर आप इसे किसी और तरीके से देख रहे हैं, तो वो आप पर है।”
क्या है ICC का नियम
ICC के नियमों के अनुसार, कोई भी कपड़ा या उपकरण जो युद्ध या उससे संबंधित विषयों से जुड़ा हुआ है और शांति के नियमों का पालन नहीं करता है, उसे प्रतिबंधित किया जाएगा। दोषी खिलाड़ी को मैच अधिकारी मैदान पर जाने से रोक देंगे।