क्रिकेटर मनोज तिवारी ने मैसेज में लिखा… क्रिकेट के खेल को अलविदा। इस खेल से मुझको सबकुछ मिला। मतलब वह हर एक चीज, जिसके विषय में मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। मैं क्रिकेट और भगवान का हमेशा आभारी रहूंगा, जो मेरे सपोर्ट में रहे। इस मौके पर मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरी इस क्रिकेट यात्रा में अहम भूमिका निभाई।
कोच मानवेंद्र घोष का जताया आभार
उन्होंने आगे लिखा है कि बचपन से लेकर पिछले साल तक के सभी कोचों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे क्रिकेट उपलब्धियां दिलाने में भूमिका निभाई है। पिता के समान कोच मानवेंद्र घोष मेरी क्रिकेट यात्रा का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। अगर वे नहीं होते तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता। कभी मुझ पर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दबाव नहीं डालने और मुझे क्रिकेट में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए माता-पिता का धन्यवाद।
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मनोज तिवारी का क्रिकेट करियर
बता दें कि मनोज तिवारी ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन वह 2015 तक महज 12 वनडे ही खेल सके। 2011 में उन्हें टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू करने का मौको मिला और वह 2012 तक 3 मैच ही खेल सके। वनडे क्रिकेट में 287 रन और टी20 में सिर्फ 15 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में उनके नाम एक शतक और एक अर्धशतक है। वह पिछले साल तक घरेलू क्रिकेट खेले हैं।