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सुरेश रैना ने उठाई कश्मीरी पंडितों की आवाज, कहा- हम अपने घर लौटना चाहते हैं

– सुरेश रैना ( Suresh Raina ) फिलहाल टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं
– सुरेश रैना ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ( Rajyavardhan Singh Rathore ) के ट्वीट को रीट्वीट किया है

Jan 20, 2020 / 12:24 pm

Kapil Tiwari

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नई दिल्ली। टीम इंडिया में एक समय मिडिल ऑर्डर की जान रहे सुरेश रैना ( Suresh Raina ) ने कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठाई है। उन्होंने कहा है कि वो फिर से अपने घर लौटना चाहते हैं। आपको बता दें कि सुरेश रैना का परिवार मूल रूप से जम्मू-कश्मीर का ही रहने वाला है। हालांकि रैना का जन्म यूपी के मुरादनगर में हुआ था।

कश्मीर लौटना चाहते हैं सुरेश रैना

सुरेश रैना ने रविवार को कश्मीरी पंडितों के लिए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘कश्‍मीरी पंडितों की हालत पर मदद करने के लिए नरेंद्र मोदी और राज्‍यवर्धन राठौड़ का शुक्रिया, हम सब बहुत जल्‍दी लौटेंगे।’ बता दें कि सुरेश रैना लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। वो फिलहाल नीदरलैंड्स में पत्‍नी के साथ हैं और सर्जरी के बार रिहैब की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।

https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw

कश्मीर का रहने वाला है सुरेश रैना का परिवार

सुरेश रैना मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के हैं। उनके पिता फौज में थे और वे कश्‍मीर से यूपी आए थे। रैना का परिवार मूलत: रैनावाड़ी का रहने वाला है। रैना ने बीजेपी सांसद राज्‍यवर्धन राठौड़ (Rajyavardhan Rathore) के वीडियो को रिट्वीट करते हुए अपनी बात कही है।

राज्यवर्धन राठौड़ ने क्या कहा था अपने ट्वीट में?

वहीं राज्‍यवर्धन राठौड़ ने कश्‍मीरी पंडितों के बारे में बोलते हुए इंटॉलरेंस और अवार्ड वापस करने वालों को घेरा। उन्‍होंने अनुच्‍छेद 370 हटाने और नागरिकता संशोधन कानून लागू करने का समर्थन भी किया। उन्‍होंने कहा, ‘आज सोशल मीडिया पर अपने देशवासी कश्‍मीरी पंडितों की आपबीती सुनकर, उनकी पुराने यादें देखकर दिल दहलता है। अपने ही देश में अपने पुश्‍तैनी मकानों को, अपनी पूरी संपत्ति को छोड़कर रात के अंधेरे में जान बचाकर भागना पड़े और अपने ही देश में रिफ्यूजी बनना पड़े, ऐसा कौनसे देश में हआ। हमारे देश में हुआ। 30 वर्ष से ये लोग रिफ्यूजी बनकर रह रहे हैं और आज एक वर्ग है जो बात करता है इंटॉलरेंस की, ह्यूमन राइट्स की। कहां थे ये लोग जब कश्‍मीरी पंडि़तों के साथ यह हो रहा था।’

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