कैब ने मुस्तफी के निधन पर जताया शोक
मुस्तफी अपने पीछे एक पुत्री छोड़ गए हैं। उनके निधन पर बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कैब के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया (Avishek Dalmiya) ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह अशोक मुस्तफी सर के निधन से स्तब्ध और दुखी हैं। क्रिकेट में उनके योगदान, खासकर क्रिकेटरों का भविष्य संवारने में उनकी ओर से निभाई गई अहम भूमिका के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। डालमिया ने उनके परिवार के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान मुस्तफी सर की आत्मा को शांति प्रदान करें।
मुस्तफी के सिखाए कई और क्रिकेटर खेल चुके हैं रणजी
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने सबसे पहली बार अशोक मुस्तफी की देखरेख में ही क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी। शुरुआत में वह अपने करीबी दोस्त संजय दास के साथ अशोक मुस्तफी के कोचिंग सेंटर दुखीराम में जाया करते थे। मुस्तफी के सिखाए हुए गांगुली इकलौते ऐसे क्रिकेटर नहीं हैं, जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। उनसे कोचिंग पाने वाले कई क्रिकेटर बंगाल की ओर से रणजी (Ranji) खेल चुके हैं।
उनके शिष्य गांगुली ने किया सबसे ज्यादा नाम रोशन
अशोक मुस्तफी के हालांकि कई शिष्य प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए टूर्नामेंट में खेले, लेकिन उनके शिष्य सौरव गांगुली ही इकलौते ऐसे क्रिकेटर रहे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। गांगुली भारत की ओर से कुल 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले। इस दौरान उन्होंने टेस्ट में 16 टेस्ट शतक की मदद से 7212 रन बनाए तो वहीं वनडे में 22 शतक की सहायता से 11363 रन बनाए। 2001 में उन्होंने टीम इंडिया की कमान संभाली और भारत को विदेशों में जीतना सिखाया। इतना ही नहीं, मौजूदा समय में वह भारतीय क्रिकेट के शीर्ष पद पर विराजमान हैं।