9 पारी में चार शतक, दो दोहरा शतक
मिलिंद ने इन छह मैच की नौ पारियों में दो दोहरा शतक व दो शतक भी जमा दिए हैं। इस सत्र के पहले मैच में मणिपुर (261 रन) और उसके अगले मैच में नागालैंड के खिलाफ (224 रन) लगातार दो दोहरा शतक लगा दिए। इसके बाद उत्तराखंड के खिलाफ तीसरे मैच में 133 रन की पारी खेलकर लगातार तीन मैच में तीन शतक जड़ दिए। इसके बाद चौथे मैच में बिहार के खिलाफ वह कुछ खास नहीं कर पाए। दोनों पारियों में 13-13 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद पांचवें मुकाबले में पुद्दुचेरी के खिलाफ पहली पारी में उन्होंने 96 और दूसरी पारी में नाबाद 77 रन बनाए। इसके बाद मिजोरम के खिलाफ एक और शतक (139 रन) ठोंक दिया।
1944-45 से साल से कायम है रिकॉर्ड
एक रणजी सीजन में सबसे तेज एक हजार बन बनाने का यह रिकॉर्ड अब भी रुसी मोदी के नाम पर है। जिसे कोई नहीं तोड़ सका है। 74 साल पहले 1944-45 में रुसी मोदी ने सिर्फ सात पारियों में एक हजार रन पूरे कर लिए थे। इसके बाद दूसरे नंबर पर संयुक्त रूप से दो प्लेयर डब्लूवी रमन और एस श्रीराम थे, जिनकी बराबरी अब मिलिंद कुमार ने कर दली है। इन दोनों ने भी 9 पारियों में 1000 रन पूरे किए थे। तमिलनाडु के पूर्व बल्लेबाज और भारतीय टीम में बतौर ओपनर खेल चुके खब्बू बल्लेबाज रमन 1988-89 में यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था, जबकि 1999-2000 में एस श्रीराम के खाते में गया था। अब 18 साल बाद उसी क्लब में मिलिंद भी शामिल हो गए हैं।
127 से ज्यादा का है औसत
बता दें कि रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में मिलिंद कुमार अभी तक 127.13 की औसत से 1017 रन बना चुके हैं। ऐसा रिकॉर्ड क्रिकेट जगत के महानतम बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन के नाम भी नहीं है। उनका औसत भी 100 का (99.94) नहीं है।