बोले संपर्कों को हल्के में लिया, लग सकता था 10 साल का प्रतिबंध
शाकिब ने कहा कि उन्होंने इन संपर्कों को बहुत हल्के में लिया था। जब वह आईसीसी के भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी (Anti Corruption Officer) से मिले, तब उन्होंने सबकुछ बता दिया, जो उन्हें पता था। इसके अलावा उन्होंने इसके सभी साक्ष्य भी दिए। शाकिब ने बताया कि जब वह अधिकारी से मिले तो उन्हें सब पहले से ही पता था। शाकिब ने कहा कि ईमानदारी से कहें तो यही इकलौता कारण है कि उन्हें सिर्फ एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया। नहीं तो 5-10 साल का प्रतिबंध भी लग सकता था।
बोले, अधिकारियों को जानकारी नहीं देना गलत फैसला
स्टार हरफनमौला क्रिकेटर शाकिब ने कहा कि उन्होंने बेवकूफी भरी गलती की। उन्होंने कहा कि वह अनुभवी हैं और काफी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। इसके अलावा आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी आचार संहिता (ICC code of conduct) की कई क्लासेज ले चुके हैं। इन सबको देखते हुए कहा जाए तो सट्टेबाजों की ओर से उनसे संपर्क की जानकारी अधिकारियों को न देने का फैसला सही नहीं था।
किसी को भी ऐसे संदेश हल्के में नहीं लेने चाहिए
शाकिब अल हसन ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है। इसके साथ ही उन्होंने सबक लेने वाले अंदाज में कहा कि किसी को भी इस तरह के संदेशों या फोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए या फिर उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षित रहने के लिए हमें इसकी जानकारी आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (ICC Anti corruption unit) के अधिकारी को देनी चाहिए। शाकिब ने कहा कि उन्होंने यह सबक सीखा है और उन्हें लगता है कि यह जिंदगी का बड़ा सबक है।