उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अजोशी गांव की रहने वाली राधा का परिवार मुंबई के कोलिवरी बस्ती में 220 स्क्वायर फुट की झुग्गी में रहता था। राधा जब महज छह साल की थीं, तब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। वे गली-मोहल्ले में बच्चों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं। उनके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। चार भाई-बहनों में राधा सबसे छोटी थीं, लेकिन पिता ने उनके सपने को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किया।
राधा के पिता दूध की दुकान चलाते थे, जिससे पूरे परिवार को पालना बेहद मुश्किल था। लेकिन इन विपरीत परििस्थतियों में भी उन्होंने बेटी का हौसला बढ़ाया। राधा के पास बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे तो वे लकड़ी का बैट बनाकर प्रैक्टिस किया करती थीं। घर से तीन किलोमीटर दूर स्टेडियम तक पिता उन्हें साइकिल पर बैठाकर ले जाते थे। घर के हालात देखते हुए कोच राधा की फीस भर दिया करते थे।
91 विकेट ले चुकी हैं अब तक
06 वनडे मैचों में 8 विकेट लिए 17 साल की उम्र में किया पदार्पण
राधा ने साल 2018 में टी-20 विश्व कप में भारत के लिए पदार्पण किया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई मैच विजयी प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह पक्की की। मार्च, 2021 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में भी पदार्पण किया। उन्होंने अब तक छह वनडे मैच खेले हैं।
राधा की नेटवर्थ की बात करें तो वह लगभग 2-3 करोड़ रुपए की संपत्ति की मालिक हैं। उनकी कमाई का जरिया क्रिकेट मैच फीस के अलावा विज्ञापन है। बीसीसीआइ ने उन्हें ग्रेड-सी अनुबंध दे रखा है। इसके अलावा हर टेस्ट मैच के लिए उन्हें 4 लाख, वनडे मैच के लिए 2 लाख व टी-20 मैच के लिए 2.5 लाख रुपए मिलते हैं। राधा गेंदबाजी और बल्लेबाजी के अलावा शानदार फील्डिंग भी करती हैं।