फ्रांसिस पर भारी दबाव के बावजूद, 25 वर्षीय पैरा-शूटर ने अपने 14वें-21वें प्रयास में नौ अंक के निशान के बाहर एक भी शॉट नहीं लगाया और मुकाबले में वापसी की राह पकड़ ली। उन्होंने तुर्की की आयसेगुल पहलीवनलार को सडन डेथ में हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। क्वालीफिकेशन राउंड में ईरान की सरेह जावनमार्डी ने कुल 570 अंकों के साथ हंगरी की क्रिस्टीना डेविड (567-17x) और फ्रांस की गेल एडोन (567-16x) से आगे शीर्ष स्थान हासिल किया था। इससे पहले दिन में, स्वरूप उन्हालकर पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग (एसएच1) में 613.4 के स्कोर के साथ क्वालिफिकेशन राउंड में 14वें स्थान पर रहने के बाद फाइनल में जगह बनाने से चूक गए।
फ्रांसिस की जीत मौजूदा पैरालंपिक में निशानेबाजी में भारत का चौथा पदक है, क्योंकि राजस्थान की अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीते और पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 में मनीष नरवाल ने 234.9 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता। पेरिस पैरालंपिक में देश के कुल पांच पदक हो गए हैं , जिसमें पैरा-स्प्रिंटर प्रीति पाल का महिलाओं की 100 मीटर टी35 स्पर्धा में कांस्य पदक शामिल है।