आईसीसी के पाले में गेंद
भारत के पाकिस्तान जाने से इनकार के बाद पीसीबी में उथल-पुथल मची हुई है। पीसीबी ने
आईसीसी के हाइब्रिड मॉडल पर टूर्नामेंट कराने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है। जिसके तहत भारतीय टीम यूएई जैसे वेन्यू पर अपने मैच खेल सकती थी। पीसीबी के अडि़यल रूख के बाद अब पूरी तरह से गेंद आईसीसी के पाले में है।
1800 करोड़ से ज्यादा का होगा नुकसान
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया जाता है या किसी अन्य देश में शिफ्ट किया जाता है और पीसीबी टूर्नामेंट से हट जाता है तो उसे आईसीसी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें आईसीसी के पर्याप्त फंडिंग में कटौती भी शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी को स्थानांतरित या स्थगित करने का मतलब होगा मेजबानी शुल्क के रूप में संभावित 65 मिलियन अमरीकी डालर (करीब 1804 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान, जो पीसीबी के लिए भारी नुकसान होगा। पीसीबी ने तीन स्टेडियम में खर्च किया मोटा पैसा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीसीबी ने
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तीन निर्धारित स्थलों कराची, रावलपिंडी और लाहौर में बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए बड़ा निवेश किया है, ऐसे में नुकसान और भी ज्यादा हो सकता है। पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि पीसीबी भारत के दौरे से इनकार करने के लिए सुरक्षा कारणों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में न्यूजीलैंड ने तीन बार, इंग्लैंड ने दो बार और ऑस्ट्रेलिया ने एक बार पाकिस्तान का दौरा किया है।
आईसीसी को भी होगा नुकसान
वहीं, पाकिस्तान की भागीदारी के बिना ICC को अनुबंध संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि प्रसारकों और प्रायोजकों को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान दोनों टीमें मैच खेलेंगी। अगर ऐसा नहीं होता तो प्रायोजक और प्रसारक अपना अनुबंध खत्म कर सकते हैं।