14 जून 2021 को मिलेगा पहला विजेता
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप दो साल के चक्र में खेली जाएगी। यह एक अगस्त से शुरू होकर 31 मार्च 2021 तक चलेगी। दो शीर्ष दो टीमें फाइनल में 10 से 14 जून 2021 को फाइनल में भिड़ेंगी। इस चैम्पियनशिप में नौ देश हिस्सा लेंगे। ये टीमें हैं भारत, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, श्रीलंका, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश। जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी ने निलंबित कर दिया है, इसलिए वह इसमें हिस्सा नहीं ले सकेगा, जबकि आयरलैंड और अफगानिस्तान की टीम आईसीसी के फ्यूचर टूर प्रोग्राम के तहत टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे।
हाल ही में संपन्न हुए आईसीसी एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लॉर्ड्स में हुए फाइनल मुकाबला सुपर ओवर में भी टाई रहने पर विजेता का फैसला ज्यादा बाउंड्री के आधार पर किया गया था, लेकिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में ऐसा नहीं किया जाएगा। फाइनल मैच टाई या ड्रॉ रहने की स्थिति में दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जाएगा। हालांकि टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए रिजर्व डे भी रखा गया है। अगर पूरे दिन का मैच बारिश या किसी अन्य कारण से खराब होता है तो उस दिन का मैच रिजर्व डे के दिन खेला जाएगा।
दो साल की अवधि में शीर्ष नौ रैंकिंग वाली टीमों को आपसी सहमति से चुनी गईं प्रतिद्वंदी टीमों के साथ छह द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। इनमें से तीन सीरीज घरेलू मैदान पर होंगी, जबकि तीन विपक्षी टीम की जमीन पर। टेस्ट मैच चाहे जितने भी हों, एक सीरीज में अंक 120 ही मिलेंगे। अगर दो टेस्ट मैच की सीरीज है तो एक टेस्ट के लिए 60 अंक निर्धारित होंगे। जीतने वाली टीम को पूरे 60 अंक दिए जाएंगे। टाई या बेनतीजा रहने पर दोनों टीमों के खाते में 30-30 अंक दिए जाएंगे। ड्रॉ होने की सूरत में 20-20 अंक दिए जाएंगे। इसी प्रकार अगर तीन टेस्ट मैच की सीरीज है तो इसके लिए हर टेस्ट के लिए 40-40 अंक निर्धारित होंगे और उसी अनुपात में जीत-हार, टाई या ड्रॉ पर अंक उस 40 अंकों में से ही बटेंगे। अंक हर टेस्ट के हिसाब से दिए जाएंगे, न कि टेस्ट सीरीज के आधार पर।