डबलिन के डॉक्टरों ने खड़े कर दिए हाथ
रिपोर्ट के मुताबिक, सिमी सिंह के ससुर परविंदर सिंह ने बताया कि छह महीने पहले जब वह डबलिन में थे, उन्हें अजीब सा बुखार हो रहा था। जो कभी आता और फिर ठीक हो जाता। उन्होंने वहां अपने टेस्ट कराए, लेकिन चेक अप में कुछ भी सामने नहीं आया। वहां के डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। इसलिए उन्हें इलाज नहीं दिया सकता है।
पहले कराया टीबी का इलाज, लेकिन बुखार बढ़ता गया
धीरे-धीरे सिमी की हेल्थ बिगड़ने लगी तो हमने सोचा कि हम भारत में इलाज करवाएंगे, ताकि बेहतर मेडिकल अटेंशन मिल सके। जून के आखिरी सप्ताह में सिमी मोहाली पहुंचा। इसके बाद पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज कराया। पहले डॉक्टरों ने टीबी की बात की और एंटीबायोटिक्स दी। जब बुखार पूरी तरह से नहीं उतरा तो हम सेकड ओपिनियन के लिए मोहाली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल गए। जहां बताया गया टीबी नहीं है। छह सप्ताह लगातार दवाई के बाद भी फीवर बढ़ता गया। अगस्त के आखिरी सप्ताह में वापस पीजीआई गए, जहां सिमी को आईसीयू में भर्ती कर लिया। पत्नी अपने लिवर का हिस्सा देने को तैयार
लगातार तबीयत बिगड़ने के बाद जांच की गई तो पता चला कि एक्यूट लिवर फेलियर है। अब सिमी गुरुग्राम के हॉस्पिटल में भर्ती है। जहां लिवर ट्रांसप्लांट का इंतजार है। सिमी की पत्नी अगमदीप कौर डबलिन में काम करती हैं, वह अपने लिवर का कुछ हिस्सा देने के लिए तैयार है। सिमी का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है, मतलब वह यूनिवर्सल एक्सेप्टर है।