अजिंक्य रहाणे की रणनीति से भारत ने जीता था गाबा
दोनों ही स्थिति में भारत को नुकसान झेलना पड़ेगा और उसके वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फ़ाइनल में पहुंचने की राह और भी मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में भारतीय टीम इस मैच को हर हाल में जीतना चाहेगा। भारत को अगर ऐसा करना है तो उन्हें पूर्व कप्तान अजिंक्य रहाणे की रणनीति अपनानी होगी। पिछली बार जब भारत ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर आया था। तब गाबा में खेले गए सीरीज के आखिरी मैच में कुछ इसी तरह की परिस्थिति बनीं थी। तब रहाणे ने भारतीय बल्लेबाजों को आक्रामक रुख अपनाने को कहा था और टीम इंडिया ने मात्र एक दिन में 328 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल किया था।एक दिन में भारत ने चेज़ किए थे 328 रन
बार्डर गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 का आखिरी मुक़ाबला ब्रिस्बेन के गाबा में खेला गया था। भारत को मैच के आखिरी दिन जीत के लिए 328 रनों की जरूरत थी। भारतीय टीम ने विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की मदद से इस लक्ष्य को सात विकेट खोकर 97 ओवर में हासिल कर लिया था।ऋषभ पंत को दिखाना होगा विकराल रूप
ऑस्ट्रेलिया ने कभी नहीं सोचा था कि भारतीय बल्लेबाज मैच के आखिरी दिन इतना बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। अब मेलबर्न में भी हालत कुछ ऐसे ही हैं। ऐसे में अगर एक बार फिर पंत अपना विकराल रूप दिखाये और गाबा की तरह यहां भी तेजी से बल्लेबाजी करें तो टीम इंडिया यह मैच जीत सकती है। हालांकि ये इतना आसान नहीं है क्योंकि पंत इस सीरीज में लगातार फ्लॉप चल रहे हैं और उनके बल्ले से अबतक कोई बड़ी पारी नहीं आई है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में पंत ने अबतक चार मैचों की 6 पारियों में 20.66 की मामूली औसत से 124 रन बनाए हैं। इस दौरान वे मात्र एक छक्का ही जड़ पाये हैं। पंत ने पर्थ टेस्ट में 37 और 1 रन बनाए थे। वहीं एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में 21 और 28 रन बनाकर आउट हुए थे। गाबा में खेले गए तीसरे टेस्ट में पंत ने मात्र 9 रन बनाए थे। वहीं MCG में खेले जा रहे इस मैच की पहली पारी में वे 28 रन बनाकर आउट हुए थे।