ऋषभ पंत ने शुक्रवार को दिन के अंत में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, रोहित शर्मा का यह एक भावनात्मक निर्णय था, क्योंकि वह लंबे समय से कप्तान है। हम उन्हें टीम के लीडर के रूप में देखते हैं। कुछ ऐसे निर्णय होते हैं जिनमें आप शामिल नहीं होते हैं, यह प्रबंधन द्वारा लिया गया निर्णय था और मैं उस बातचीत का हिस्सा नहीं था, इसलिए मैं इस बारे में अधिक नहीं बता सकता।
रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए तीन टेस्ट मैचों में सिर्फ 6.2 की औसत से रन बनाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर 10 रहा है। सिडनी में उनके ना खेलने की अटकलें तब शुरू हुईं, जब मुख्य कोच गौतम गंभीर ने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हें गारंटीड स्टार्टर कहने से इनकार कर दिया। रोहित शर्मा के बाहर बैठने के फैसले ने उप कप्तान जसप्रीत बुमराह
(Jasprit Bumrah) के लिए सीरीज के निर्णायक मैच में भारतीय टीम की अगुआई करने का रास्ता साफ कर दिया।
पहली पारी में पंत भारत के सर्वोच्च स्कोरर
27 वर्षीय खिलाड़ी ने खेल के प्रति भारतीय टीम के नेतृत्वकर्ता के सकारात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया। उन्होंने कहा, जसप्रीत बुमराह का संदेश यह है कि हर समय सकारात्मक रहें, जो हो चुका है उसके बारे में ना सोचें और मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ दें। आप अपने कप्तान से यही चाहते हैं, सकारात्मक सोच रखें और हर दिन खेल को आगे बढ़ाते रहें। ऋषभ पंत पहले दिन भारत के सर्वोच्च स्कोरर रहे, जिन्होंने 98 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 40 रन बनाए। नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) अगली ही गेंद पर स्लिप में कैच आउट हो गए। इसके तुरंत बाद रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) और वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) के विकेट गिर गए, लेकिन सुंदर के आउट होने के तरीके को लेकर काफी विवाद हुआ।
तकनीक हो सकती है बेहतर
सुंदर को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) की गेंद पर कैच आउट करार दिया गया। मैदानी अंपायर सैकत शरफुद्दौला ने शुरू में सुंदर को नॉट आउट करार दिया था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू का विकल्प चुना। जोएल विल्सन ने यह निर्धारित करने के लिए रिप्ले का विश्लेषण करने में काफी समय बिताया कि सुंदर ने शॉर्ट-पिच डिलीवरी को ग्लव किया था या नहीं। स्निकोमीटर ने गेंद को सुंदर के ग्लव के पास से गुजरते समय स्पाइक दिखाया, लेकिन विजुअल ने सवाल खड़े कर दिए। एक फ्रेम में ऐसा लगा कि जब गेंद ग्लव के सबसे करीब थी, तो कोई स्पाइक नहीं दिखा, जबकि उसके बाद के फ्रेम में स्पाइक दिखाई दिया। पंत ने दावा किया कि इस फैसले के बारे में कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन निर्णायक नतीजे देने के लिए तकनीक के बेहतर इस्तेमाल की जरूरत है। “इस बारे में कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, क्योंकि तकनीक एक ऐसा हिस्सा है, जिसे आप एक क्रिकेटर के तौर पर नियंत्रित नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैदान पर जो भी फैसला लिया जाता है, उसे मैदानी अंपायर के पास ही रहना चाहिए, जब तक कि वह फैसला बदलने लायक न हो। आखिरकार यह अंपायर का फैसला है और मैं हर बार इसे चुनौती नहीं दे सकता, लेकिन तकनीक थोड़ी बेहतर हो सकती है।”