रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीसी की बैठक में सुपर सिक्स फॉर्मेट पर चर्चा की गई। बैठक में 2015, 2019 और 2003 सुपर सिक्स मॉडल पर विचार—विमर्श किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में ये बात सामने आई कि 10 टीम के मॉडल से सबसे ज्यादा फायदा हुआ और 2015 मॉडल से सबसे कम। वहीं सुपर सिक्स मॉडल इन दोनों के बीच में रहा। वहीं इंग्लैंड विश्वकप को 10 टीमों तक ही सीमित रखने के पक्ष में नहीं था।
वहीं बात करें सुपर सिक्स मॉडल की तो इसमें 14 टीमें होती हैं जो दो गुटों में बांटी जाती है। दोनों ग्रुप में से प्रत्येक टीम 6-6 मैच खेलती है। दोनों ग्रुप की टॉप 3 टीमें सुपर सिक्स राउंड में पहुंचती हैं। इस फॉर्मेट में जो टीमें पहले राउंड में सबसे ज्यादा मैच खेलती हैं, उन्हें सुपर सिक्स राउंड में फायदा होता है। ज्यादा मैच जीतने की वजह से उनके अंक अगले राउंड में भी गिने जाते हैं। सुपर सिक्स में एक टीम को अन्य पांच टीमों से भिड़ना होता है। इसके बाद अंकों के आधार पर टॉप 4 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचती हैं। वहीं कुल मैचों की बात करें तो सुपर सिक्स फॉर्मेट में 54 मैच होंगे। वहीं 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप में 48 मैच खेले गए थे।
वर्ष 2003 में खेले गए वर्ल्ड कप में सुपर सिक्स फॉर्मेट का इस्तेमाल किया गया था। इसमें टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी शानदार रहा था। इस वर्ल्डकप में टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची थी। लीग स्टेज और सुपर सिक्स के बाद भारतीय टीम ने सेमीफाइनल मुकाबले में में केन्या को हराया था। हालांकि फाइनल में टीम का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से था, जिसमें टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था।