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Exclusive Interview : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर जेसन गिलेस्पी ने उठाए बैजबॉल रणनीति पर सवाल, जानें क्‍या कहा

Ashes Series 2023 : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर जेसन गिलेस्पी ने एशेज सीरीज के पहले टेस्‍ट में इंग्‍लैंड की बैजबॉल वाली रणनीति पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि हर टेस्ट में एक जैसी रणनीति कारगर नहीं होती है। आखिर में जीत ही मायने रखती है।

Jun 28, 2023 / 12:47 pm

lokesh verma

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पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर जेसन गिलेस्पी ने उठाए बैजबॉल रणनीति पर सवाल।

सौरभ कुमार गुप्ता. एशेज सीरीज 2023 (Ashes Series 2023) के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की हार के बाद उसकी बैजबॉल रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। इस बारे में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी का कहना है कि आप हर टेस्ट में एक जैसी रणनीति के साथ नहीं उतर सकते। पत्रिका से खास बातचीत में गिलेस्पी ने कहा कि रणनीति चाहे कोई भी हो, आखिर में जीत ही मायने रखती है। पेश हैं गिलेस्‍पी से बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल – क्या आपको लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को भी इंग्लैंड टीम वाली अप्रोच अपनानी चाहिए।

जवाब – मेरे विचार से ब्रैंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की सोच यह है कि खिलाड़ियों को स्वतंत्र होकर खेलने का मौका किया जाए। पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में जोए रूट ने रिवर्स स्कूप जैसे शॉट भी खेले, जो वह पहले नहीं खेलते थे। दूसरी पारी में वह स्टंप आउट हुए जबकि टेस्ट करियर में वे शायद ही कभी ऐसे आउट हुए हैं।

इससे साफ जाहिर है कि उन्होंने अपनी बल्लेबाजी की शैली में बदलाव किया है। लेकिन, इसके बावजूद मेरा मानना है कि जो रूट ने 95 फीसदी अपनी पारी वैसे खेली, जैसे वह एक टेस्ट बल्लेबाज के तौर पर खेलते हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को उनका अनुसरण करने की जरूरत है।

सवाल – आप बैजबॉल रणनीति से कितने सहमत है। क्या ये इंग्लैंड के लिए घातक साबित हो सकती है।

जवाब – मैं इससे सहमत हूं कि आप सिर्फ एक रणनीति के साथ लगातार एक जैसी क्रिकेट नहीं खेल सकते। पहले टेस्ट की दूसरी पारी में नाथन लियोन ने बेहतरीन गेंदबाजी की। उन्हें टर्न भी मिल रहा था, लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने एक ही जैसी क्रिकेट खेलनी जारी रखी।

उनके पास कोई प्लान-बी नहीं था। यदि आपके सामने नाथन लियोन जैसा या कोई और अन्य अच्छा गेंदबाज है तो आपको अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए। आप हर गेंद पर चौका या सिक्‍स नहीं मार सकते।

सवाल – क्या ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट मैच में मिचेल स्टार्क को मौका नहीं देना चाहिए था। वह अच्छी बल्लेबाजी करने में भी सक्षम है।

जवाब – हां मेरा भी मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को मिचेल स्टार्क को मौका देना चाहिए। वे लेफ्ट आर्म पेसर हैं और अच्छी बल्लेबाजी कर लेते हैं। इससे ऑस्ट्रेलियाई टीम को बल्लेबाजी में गहराई भी मिलती। लेकिन, ये पांच टेस्ट की सीरीज है और उम्मीद है कि उन्हें आगे अंतिम एकादश में मौका जरूर मिलेगा।

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सवाल – पहले टेस्ट में ओली रोबिंसन ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों पर स्लेजिंग की थी, जिसकी काफी आलोचना हुई है। आप इस पर क्या कहेंगे।

जवाब – मुझे नहीं लगता कि इस मामले को काफी तूल देने की जरूरत थी। ये सिर्फ दो खिलाड़ियों के बीच हुई बातचीत थी। जब आप जीत के लिए और पूरे जोश के साथ खेलते हैं, तो इस तरह की कुछ चीजें हो जाती है, बस ये ख्याल रखने की जरूरत है आप लाइन क्रास नहीं करें।

सवाल – क्या ऑस्ट्रेलिया को जो रूट जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ कुछ अलग फील्डिंग सेट करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

जवाब – बेन स्टोक्स की कप्तानी के बारे में बहुत बात हुई है। उन्होंने पहले टेस्ट मैच में स्मिथ और ख्वाजा के खिलाफ अलग तरह की फील्डिंग सेट की थी। ये उनकी कप्तानी का अलग स्टाइल हो सकता है।

लेकिन, पैट कमिंस भी एक बेहतरीन कप्तान हैं और उन्होंने पहला मैच जिताया है। मायने ये रखता है कि आप जीत कैसे हासिल करते हैं और इसमें कमिंस, स्टोक्स पर भारी पड़े हैं।

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