मोर्गन ने कहा, “मैं जानता हूं कि मैं वहां मौजूदा था जब ये सब कुछ हुआ। मुझे नहीं लगता कि जीत ने इस चीज को आसान कर दिया है, लेकिन निश्चित रूप से हार से ये और मुश्किल जरूर हो जाती। मैच में एक भी पल ऐसा नहीं आया जिसके बाद आप यह कह सकें कि हम ये डिज़र्व करते थे। यह इतना करीबी मामला था।”
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मोर्गन ने कहा, “इस मुकाबले में कई मौके आए जब मैच इंग्लैंड या न्यूजीलैंड के पक्ष में गया। मैंने पिछले कुछ दिनों में केन विलियमसन से कई बार बात की है। हम दोनों का रिश्ता ऐसा नहीं है कि हमें एक-दूसरे को सफाई देने की जरूरत पड़े।” हालांकि मोर्गन ने इस बात से सहमति जताई कि वर्ल्ड कप का फाइनल मैच क्रिकेट का सबसे शानदार मैच था।
सुपरओवर के फेर में उलझा फाइनल मुकाबला-
दरअसल इंग्लैंड क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच 14 जुलाई को खेला गया वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबला विवादों के घेरे में आ गया था। पहले दोनों टीमों ने निर्धारित ओवरों में एक ही स्कोर बनाया, उसके बाद मैच के परिणाम के लिए सुपर ओवर खेला गया।
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यहां भी दोनों टीमों ने समान स्कोर बनाया। इसके बाद मैच का परिणाम इस बात से तय हुआ कि किस टीम ने मैच में सर्वाधिक चौके मारे थे। इस मामले में इंग्लिश टीम आगे रही और उसे विजेता घोषित कर दिया गया। इस तरह मैच का परिणाम निकाले जाने से दुनियाभर के क्रिकेट फैंस में नई बहस छिड़ गई है। ज्यादातर फैंस आईसीसी के इस नियम का विरोध कर रहे हैं।