पहले दिन का मैच खत्म होने के बाद रॉबिन्सन ने एक बयान में कहा कि वह अपने कॅरियर के अब तक सबसे बड़े दिन पर, आठ साल पहले किए गए ट्वीट के लिए शमिंर्दा हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह कहना चाहते हैं कि कि ना तो वह नस्लवादी हैं और ना ही लिंगभेद के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने कृत्यों पर बेहद खेद है और वह इस तरह की टिप्पणियां करने पर शर्मसार हैं। उन्होंने अपनी गलती मानते हुए कहा कि उस वक्त वह विचार शून्य और गैर जिम्मेदार थे। साथ ही उनका कहनाहै कि उनका ऐसा काम माफी योग्य नहीं था। पिछले कुछ वर्षों में रॉबिन्सन ने अपनी जिंदगी को बदलने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनका कहना है कि अब वह परिपक्व हो गए हैं।
रॉबिन्सन ने वर्ष 2012 और 2014 में अश्वेतों, मुस्लिमों, महिलाओं और एशियाई लोंगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। रॉबिन्सन ने कहा कि वे नहीं चाहते कि आठ साल पहले जो कुछ हुआ उससे उनके साथियों और ईसीबी के प्रयासों को कम करके आंका जाए क्योंकि उसने व्यापक पहल आौर प्रयासों के साथ सार्थक कार्रवाई जारी रखी है जिसका वह पूर्ण समर्थन करते हैं। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरिसन ने नस्लवाद के खिलाफ बोर्ड जीरो टोलेरेंस की नीति अपनाता है।
साथ ही रॉबिन्सन ने कहा कि यह बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं कि वह इससे कितना निराश हैं कि इंग्लैंड के एक क्रिकेटर ने इस तरह के ट्वीट किए थे। कोई भी व्यक्ति विशेषकर महिला या अश्वेत व्यक्ति इन शब्दों को पढ़ने के बाद क्रिकेट और क्रिकेटरों के लिए जो छवि अपने दिमाग में बनाएगा वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।