सरफराज मुंबई की टीम के पहले ऐसे बल्लेबाज भी बने हैं जिसने ईरानी कप के इतिहास में दोहरा शतक जड़ा है। ये युवा बल्लेबाज पिछले कई वर्षों से घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन कर रहा है। इस क्षमता के दम पर ही उसे बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह तो मिली लेकिन प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिला। जिसके बाद ईरानी कप में खेलने के लिए उन्हें टीम इंडिया से रिलीज कर दिया गया और उन्होंने बल्ले से सबको मुंहतोड़ जवाब दिया और अपनी क्षमता का एक और उदाहरण दुनिया के सामने पेश किया।
सरफराज खान ने एक बार फिर टीम इंडिया में अपनी जगह के लिए दावा ठोक दिया है। टीम इंडिया को अगली टेस्ट सीरीज अपने ही घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलनी हैं। ऐसे में सरफराज खान का एक बार फिर टीम में चुना जाना तय माना जा रहा है, और अगर वो इस फॉर्म को यहां भी साबित करते हैं तो उनका ऑस्ट्रेलिया जाना भी तय होगा। मगर, सवाल ये है कि आखिर सरफराज को लगातार घरेलू सर्किट में प्रदर्शन करने के बाद भी टीम इंडिया में जगह क्यों नहीं मिल रही, और क्या वो टीम पॉलिटिक्स का शिकार हो रहे हैं?
अब इस मामले में क्या साजिश है इसका आकलन करना तो मुश्किल है, लेकिन जमीनी हकीकत और तथ्यों पर जरूर बात कर सकते हैं। दरअसल, टीम इंडिया की बेंच स्ट्रेंथ इतनी मजबूत है कि इसमें इन-आउट का खेल बड़ा पेचीदा है। खास तौर पर टेस्ट टीम में कई ऐसे दिग्गज बेंच पर बैठे हैं, जिन्हें प्लेइंग-11 में फिट करना कोच और कप्तान के लिए बड़ी चुनौती होती है। हालांकि, अगर कोई खिलाड़ी लगातार घरेलू सर्किट में परफॉर्म कर रहा है, तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उम्मीद यही है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ सरफराज टीम और प्लेइंग-11 दोनों में नजर आ सकते हैं।