फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली थी हार
फाइनल में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी मात का सामना करना पड़ा था। लॉकडाउन में घर पर समय बिता रही शेफाली ने कहा कि बस वह दिन हमारा नहीं था। खेल में हार-जीत लगी रहती है। अभी और भी मौके आएंगे, जो हमें मंजिल तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा, जो हुआ उसे बदल नहीं सकते। अब जो होगा वह हमारे हाथ में है और हम उसे नहीं छोड़ेंगे।
खिताब जीतते तो अच्छा लगता
शेफाली ने विश्व कप के पांच मैचों में 158.25 के धमाकेदार औसत से 163 रन बनाए थे। उन्होंने कहा कि अगर उनकी टीम खिताब जीतती तो उन्हें अच्छा महसूस होता। उन्होंने कहा कि उनका काम मैदान पर जाकर रन बनाना है, ताकि टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से अगर कोई आपके प्रदर्शन की तारीफ करता है तो अच्छा लगता है, लेकिन अगर हम खिताब जीतते तो और अच्छा लगता।
16 साल की शेफाली ने कहा कि इस टीम में कोई सीनियर या जूनियर नहीं है। इससे टीम को काफी मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इस टीम में सीनियर-जूनियर जैसी कोई चीज नहीं है। यहां काफी शांत वातावरण है। न सिर्फ हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी सीनियर खिलाड़ी एक-दूसरे की मदद करते हैं, बल्कि सभी करते हैं।
कोच डब्लूवी रमन की तारीफ की
शेफाली ने कहा कि कोच डब्लूवी रमन सर भी काफी अच्छे हैं। उनकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह हमेशा समस्या का हल निकालने को तैयार रहते हैं। शेफाली ने कहा कि अगर उन्हें कोई समस्या होती है तो वह कोच सर के पास जाती हैं। वह उन्हें बताते हैं कि किस तरह से काम करना है।
खराब गेंद को हिट करने का मौका नहीं छोड़ती
शेफाली ने अपनी सीनियर सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना के साथ अपने तालमेल पर कहा कि हम चीजों को सरल रखने की कोशिश करते हैं। अगर खराब गेंद है तो जरूर हिट करना है। इसलिए जब उन्हें खराब गेंद मिलती है तो वह इसे हिट करती हैं और मंधाना के साथ भी ऐसा ही है। जब हमें अच्छी गेंद मिलती है तो सिंगल निकालने की कोशिश रहती है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के कारण फिलहान देश में लॉकडाउन की स्थिति है और इस साल आईपीएल के साथ होने वाला महिला टी-20 चैलेंजर ट्रॉफी पर भी खतरा मंडरा रहा है। शेफाली भी इन दिनों घर पर हैं, लेकिन वह इस टूर्नामेंट के बारे में नहीं सोच रही हैं। उनका मानना है कि अभी तो उनके करियर की शुरुआत है और यह उनका पहला टी-20 विश्व कप था। अब उनका अगला लक्ष्य भारत के लिए अधिक से अधिक मैच जीतना है।