सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (एसयूटीडी) के शोधकर्ताओं के मुताबिक़ इस वायरस का इस्तेमाल करने पर रैम चिप तेज तो होती है, लेकिन यह महंगी और अस्थिर होती है मतलब सूचनाओं को बरकरार रखने के लिए इसे काफी मात्रा में पावर का इस्तेमाल करना होता है जो काफी महंगा साबित हो सकता है। यह तरीका काम तो करता है लेकिन इसमें आपको अच्छा-ख़ासा खर्च करना पड़ता है तभी जाकर ये ठीक तरह से काम कर पाएगा।
अगर ये तकनीक काम करती है तो आने वाले समय में लैपटॉप और कम्प्यूटर बेहद अच्छी तरह से काम करते हैं और इनमें स्पीड की की भी समस्या नहीं आती है। यह समस्या आजकल के कम्प्यूटर्स में आम हो गयी है इसलिए यह तकनीक बेहद ही असरदार साबित हो सकती है और इससे जो कम्प्यूटर्स तैयार किए जाएंगे वो काफी फास्ट होंगे।