सामान्य वायरल इन्फेक्शन में मरीज 3-4 दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन इन दिनों कई मरीज ऐसे हैं, जिनमें खांसी, जुकाम की दिक्कत 10-15 दिन में भी ठीक नहीं हो पा रही है। ज्यादा खांसी की शिकायत के मरीजों की कोविड की जांच की सलाह दी जा रही है। डाक्टरों की माने तो इस बार वायरल इंफेक्शन के साथ अस्थमा-एलर्जी के केस ज्यादा आ रहे हैं। इस कारण मरीजों में लंबे समय तक खांसी हो रही है।
परट्यूसिस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस और राइनोवायरस के केस भी इस बार देखने को मिल रहे हैं। कोविड से पहले जहां खांसी 2 से 3 दिन में ठीक हो जाती थी, लेकिन अब 10-15 दिन लग रहे है। पहले बुखार फिर गले में खराश और अब सूखी खांसी का शिकार हो रहे है। पोस्ट वायरल ब्रॉन्काइटिस या माइल्ड निमोनिया की वजह से खांसी लंबे समय तक देखने को मिल रही है।
CM गहलोत ने सीएमओ में ली बैठक, सभी विभागों के अधिकारियों को दिए ये आदेश
अधिकतर मरीजों में वायरस पकड़ से दूर है। चिकित्सकों की माने तो फिलहाल वायरल के वायरस का तो कुछ पता नहीं लग पाया है लेकिन मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण इस तरह के डिसीज मरीजों में देखने को मिल रहे है। सतर्कता की जरूरत है, खांसी होने पर नियमित रूप से गर्म पानी के गरारे करें और खांसी की दिक्कत अधिक होने पर डाॅक्टर से परामर्श जरूर लें।
बच्चों को सहन नहीं हो रहा बदलता तापमान, वार्ड हुए फुल
बदलता मौसम इन दिनों बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रहा है, राजकीय भरतिया अस्पताल में वार्ड फुल हो रहे हैं। हालत यह है कि सामान्य वार्ड सहित नीकू व पीकू वार्ड में भी जगह कम पड़ रही है। अगर सरकारी के साथ निजी अस्पतालों के आंकड़ों को शामिल कर लें तो संख्या अधिक बढ़ जाएगी। जानकारों की माने तो मौसम इन दिनों लगातार रंग बदलता जा रहा है। पिछले दिनों तेज गर्मी के कारण लोगों ने गर्म कपड़ों को बक्सों में बंद कर दिया था। कई जगहों पर गर्मी का अहसास होने पर पंखे भी चलने लगे थे। लेकिन फिर से अचानक मौसम ने करवट ली व सर्दी का अहसास सताने लगा।
ट्रेन में सफर कर रही राजस्थान की महिला को अचानक शुरू हो गई प्रसव पीड़ा, महिलाओं ने करवाई प्रसूति
मौसम का यह उतार-चढ़ाव विशेष रूप से बच्चों पर असर डाल रहा है। मौसम के बदलाव से राजकीय भरतिया अस्पताल के शिशु वार्ड के आउटडोर में संख्या में अचानक तेजी आई है। चिकित्सकों की माने तो बुखार, जुकाम, निमोनिया व सांस लेने की दिक्कत की शिकायत को लेकर परिजन पहुंचे। इस पर बच्चों को सामान्य व हालत में सुधार नहीं होने पर नीकू व पीकू वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा। तापमान के घटने-बढ़ने से राजकीय भरतिया अस्पताल का प्रतिदिन का आउटडोर भी पिछले सप्ताह औसतन 1500 को भी पार कर गया है।
चिकित्सकों ने दी सावधानी रखने की सलाह
राजकीय भरतिया अस्पताल के चिकित्सकों ने मौसम परिवर्तन को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है। चिकित्सकों ने सुबह शाम बच्चों को गर्म कपडे पहनाने सहित हैल्दी खाना खिलाने, भरपूर मात्रा में पानी पिलाने की भी हिदायत दी है। लगातार तबीयत में सुधार नहीं होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी है।