सुभाष ने बताया कि वह इंजीनियर हैं और उनके पिता ओमप्रकाश विदेश में रहते है। शादी को खास बनाने की योजना उन्होंने पहले से ही तैयार की थी। इसलिए वह अपनी हेलीकॉप्टर से दुल्हन को लेने आया। दुल्हन ममता स्नातकोत्तर तक पढ़ी लिखी है और उनके पिता शीशराम एक किसान है। दुल्हन ममता ने बताया कि वह पहले कभी भी हेलीकॉप्टर में नहीं बैठी। पहली बार ससुराल जाने के लिए हेलीकॉप्टर में बैठी है। शादी का यह खास पल उन्हें हमेशा याद रहेगा। तोगावास कृष्ण मेघवाल ने हेलीपेड बनाने से लेकर प्रशासन व्यवस्था में विशेष सहयोग दिया।
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गांव के लोगो ने पहली बार गांव में हेलीकॉप्टर देखकर काफी उत्सुकता व ख़ुशी जाहिर की एवं उड़ते-उतरते हेलीकॉप्टर को अपने मोबाईल के कैमरे में कैद किया। इस मौके पर नरसी मिठड़ी, शीशराम, माणाराम, ओमप्रकाश, राकेश कल्ला, राजेन्द्र प्रसाद, देबुराम, सत्येंद्र, नरेंद्र, प्रदीप, बद्री, महावीर, गणेश, महेंद्र, राकेश, केशराराम, ओमप्रकाश छापुनिया सहित सैंकड़ो ग्रामीण हेलीपेड पर मौजूद थे।