scriptघर की दहलीज के पार सुरक्षित नहीं बेटियां | Daughters not safe beyond the threshold of home | Patrika News
चूरू

घर की दहलीज के पार सुरक्षित नहीं बेटियां

उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ बलात्कार के बाद हत्या की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। ऐसी घटनाएं अन्य जगहों पर भी बढ़ती जा रही है।

चूरूOct 09, 2020 / 07:21 am

Madhusudan Sharma

घर की दहलीज के पार सुरक्षित नहीं बेटियां

घर की दहलीज के पार सुरक्षित नहीं बेटियां

मनीष मिश्रा
चूरू. उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ बलात्कार के बाद हत्या की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। ऐसी घटनाएं अन्य जगहों पर भी बढ़ती जा रही है। इंसाफ के लिए लोग सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं। न्याय मिलने से पहले ही दबंगों की ओर से पीडि़ताओं को धमकाया जा रहा है। समाज के साथ राजनैतिक दलों के लोग भी घटनाओं की निंदा करते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए आवाज को बुलंद कर रहे हैं। इसके लिए जगह-जगह कैंडल मार्च, मौन धरना भी दिया जा रहा है। बलात्कार की घटनाओं पर नजर डाले तो चूरू जिले में इस वर्ष पुलिस के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। नौ माह में यानी जनवरी से लेकर सितम्बर 2020 तक जिलेभर में नाबालिग बेटियों सहित युवती व महिलाओं के साथ बलात्कार के 103 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके हैं। इन घटनाओं में शादी का झांसा देकर, रास्ते से अपहरण कर अस्मत को तार-तार किया है। प्रशासन व पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद भी बलात्कार की घटनाएं थमने नाम नहीं ले रही। इस तरह की घटनाएं शासन व प्रशासन की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल खड़े करती है।
अगस्त तक 37 मामलों में चालान
पुलिस की ओर से अगस्त माह में कुल दर्ज हुए 92 मामलों में से जांच कर 31 में चालान पेश कर चुकी है। अबतक दर्ज हुए कुल 103 मामलों में से जांच में 22 झूठे पाए गए हैं। ऐसे में जिन व्यक्तियों के खिलाफ थाने में ऐसे मामले दर्ज हुए, उन्हें सामाजिक हानि भी उठानी पड़ी हैं। पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो भी तक अगस्त माह तक 38 मामलों में जांच आगे नहीं बढ़ी थी। अकेले सितम्बर माह के भीतर ही बलात्कार के 11 मामले दर्ज हो चुके हैं। जिन पर अभी तक पुलिस ने तफ्तीश भी शुरू नहीं की है।
अपहरण के 50 से अधिक मामले
जिले में एक तरफ बलात्कार जैसी शर्मसार करने वाली वारदातें सामने आ रही हैं। वहीं अपहरण के मामले भी बढ़ गए हैं। जिले के शहरी क्षेत्र में पिछले दिनों में बकरियां चराने गई नाबालिग लड़की का अपहरण कर नशीला पदार्थ खिलाकर बीस दिनों तक बलात्कार करने का मामला बुधवार को दर्ज हुआ है। वहीं गैंगरेप के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जिले में नौ माह के भीतर 50 से अधिक अपहरण के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। बलात्कार व अपहरण के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो संख्या 150 को पार कर रही है। इस तरह अन्य महिलाओं से संबंधित अपराधों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
हर माह 11 महिलाएं झेल रहीं बलात्कार का दंश
आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में इस वर्ष हर माह करीब 11 महिलाओं की अस्मत को लूटा गया है। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते अधिकांश मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद कई मामलों में पीडि़ताएं अदालत के फैसले का इंतजार कर रही हैं। जिले में हो रही घटनाओं को लेकर लोग पुलिस को भी दोषी मान रहे हैं। राजनैतिक दल व समाज के लोगों की ओर से इस तरह की घटनाओं की निंदा की जा रही है।

छेड़छाड़ की घटनाएं भी बढ़ी
युवतियों, बालिकाओं के साथ में कॉलेज, स्कूल, रास्ते सहित घरों में छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। हालत यह है कि बेटियां स्वयं को घर की दहलीज पार करते ही स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है। रोज होती घटनाओं को लेकर अभिभावक भी सुरक्षा को लेकर चिन्तित हैं। आंकड़ों की मानें तो जिले में पिछले तीन सालों में छेड़छाड़ के 139 मामले दर्ज हुए हैं। जो कि वर्ष दर वर्ष बढ़ते जा रहे हैं वर्ष 2018 जिले में 25, 2019 में 47 व इस वर्ष जनवरी से लेकर अगस्त तक छेड़छाड़ के 67 मामले दर्ज किए गए हैं। जो कि समाज में गिरते हुए नैतिक पतन को दर्शाता है। चिन्ताजनक पहलू यह है कि जिनके भरोसे परिजन बेटियों को सुरक्षित समझकर छोड़ते है, वहीं लोग भी छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में शामिल हो रहे हैं।


इनका कहना है…
समय-समय पर पुलिस की ओर से शिविर लगाकर महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाती है। शहर में महिला पुलिस पेट्रोलिंग टीम 24 घंटे पेट्रोलिंग कर रही है। महिला उत्पीडऩ मामलों में पीडि़त को त्वरित न्याय मिले इसके लिए अलग यूनिट काम कर रही है। महिला अपराध से जुड़े सभी मामलों की गहनता से जांच की जाती है। पुलिस का उद्देश्य है कि पीडि़त को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक चूरू

Hindi News / Churu / घर की दहलीज के पार सुरक्षित नहीं बेटियां

ट्रेंडिंग वीडियो