scriptअयोध्या में रामलला के मंदिर का सपना पूरा होने पर चित्तौड़गढ़ के श्यामलाल दोसाया के छलके खुशी के आंसू, बताई कहानी | Shyamlal Dosaya Of Chittorgarh Was Very Happy On Fulfillment Of Dream Of Ayodhya Ramlala Temple | Patrika News
चित्तौड़गढ़

अयोध्या में रामलला के मंदिर का सपना पूरा होने पर चित्तौड़गढ़ के श्यामलाल दोसाया के छलके खुशी के आंसू, बताई कहानी

दो दिन और दो रात छुपते-छिपाते पचास किलोमीटर पैदल चल बिना कुछ खाए-पीए कारसेवा के लिए अयोध्या पहुंचे थे। वहां लाठीचार्ज भी झेला लेकिन, हौसला और उम्मीद नहीं टूटे। यह कहना है कि 1992 में कारसेवा में चित्तौड़ शहर से अयोध्या गए श्यामलाल दोसाया का।

चित्तौड़गढ़Jan 04, 2024 / 12:59 pm

Nupur Sharma

shyamlal_dosaya_of_chittorgarh.jpg

Ayodhya Ramlala Temple Rajasthan Story: दो दिन और दो रात छुपते-छिपाते पचास किलोमीटर पैदल चल बिना कुछ खाए-पीए कारसेवा के लिए अयोध्या पहुंचे थे। वहां लाठीचार्ज भी झेला लेकिन, हौसला और उम्मीद नहीं टूटे। यह कहना है कि 1992 में कारसेवा में चित्तौड़ शहर से अयोध्या गए श्यामलाल दोसाया का। फिलहाल गोलप्याऊ पर कचौरी की दुकान लगाने वाले दोसाया की आंखें राम मंदिर निर्माण की खुशी से झलक उठीं। बोले, तब हमारा नारा था कि मंदिर वहीं बनाएंगे अब वह सपना साकार हो रहा है। मौका मिला तो रामलला के दर्शन करते जरूर जाऊंगा। दोसाया ने बताया कि 1992 में चित्तौड़ जिले से चार सौ कारसेवकों का दल अयोध्या गया था। इन्हें दस-दस कारसेवकों के गण में बांटा गया था। इनके साथ एक गण अधिकारी भी था। सभी कोटा होकर ट्रेन से दिल्ली, फिर लखनऊ और फिर अयोध्या पहुंचे थे। वहां कारसेवा में भाग लिया। इस दौरान किला निवासी एक कारसेवक को जोर से पुलिस की लाठी पड़ी। इसके बावजूद कारसेवकों का हौसला नहीं टूटा। दोसाया ने बताया कि वे कारसेवा से पूर्व 1989 में बजरंग दल के दीक्षा कार्यक्रम में अयोध्या गए थे।

यह भी पढ़ें

राममंदिर : 31 साल बाद भी यादें हैं ताजा, 101 कार्यकर्ता पहुंचे थे अयोध्या, पढ़ें पूरी खबर

दो दिन बाद मिली लहसुन की चटनी
दोसाया ने बताया कि अयोध्या जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह सेना और पुलिस की चैकिंग थी। लखनऊ से ट्रेन में अयोध्या के लिए रवाना हुए। टे्रन से बीच में ही उतार दिया गया। वहां से अयोध्या करीब 50 किलोमीटर थी। छुपते-छिपाते जैसे-तैसे पैदल करीब दो दिन-दो रात में अयोध्या पहुंचे। खाने के नाम पर दो दिन में सिर्फ एक बार लहसुन की चटनी मिली। उसी को खाकर सभी कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे।

https://youtu.be/lr8_4HVt6_U

Hindi News/ Chittorgarh / अयोध्या में रामलला के मंदिर का सपना पूरा होने पर चित्तौड़गढ़ के श्यामलाल दोसाया के छलके खुशी के आंसू, बताई कहानी

ट्रेंडिंग वीडियो