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यह है रिबाउंड फिनोमिना
जब ब्लड प्रेशर या शुगर जैसी बीमारी स्वाभाविक रूप से बढ़ती है तो उसे दवाइयों से रोकने के लिए नियमित गोली शुरू की जाती है। डॉक्टर अपने हिसाब से प्रेस्क्राइब करता है। लेकिन जब कई दिन तक नियमित दवाई बंद रहती है तो बीपी-शुगर का लेवल दोगुना तक बढ़ जाता है। उसका कारण है कि इन बीमारियों को दवाइयों से बांध कर रखा जाता है। जब एक दम से यह आंकड़ा बढ़ता है तो उसे रिबाउंड फिनोमिना कहते हैं। कई बार इंसानी शरीर इसे झेल नहीं पाता और मृत्यु की स्थिति भी हो सकती है।
कुछ पैसे से खरीदने को मजबूर
वहीं, कई बुजुर्ग रोगी ऐसे हैं जिनका दवा के बिना एक दिन भी काटना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मजबूरी में उन्हें अपनी जेब से पैसे खर्च कर दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।
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केस एक
गांधीनगर क्षेत्र में रहने वाले यह बुजुर्ग करीब 70 साल के हैं। पिछले 15 साल से शुगर व बीपी की दवाई ले रहे हैं। दवाई शहर से ही लाते थे। आरजीएचएस में बजट नहीं मिला व दवाइयां बंद हुई तो बीच में 15 दिन दवाइयां नहीं ली। अब दो दिन पहले फिर दवाइयां शुरू की गई है।
केस दो
शिक्षा विभाग से रिटायर्ड टीचर हैं। उम्र करीब 64 साल है। पिछले आठ साल से ब्लड प्रेशर की मरीज हैं। आरजीएचएच की दवाइयां नहीं मिल रही है तो अपनी रुटीन दवाई नियमित नहीं रख पाईं। एक दुकान के बाहर दवाई के लिए पूछताछ करने आई तो उन्होंने यह बात बताई।