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चित्तौड़गढ़

Rajasthan: रावतभाटा में तीसरा परमाणु ऊर्जा रिएक्टर तैयार, अब बिजली उत्पादन होगा शुरू

Third Nuclear Reactor: राजस्थान की यह परमाणु ऊर्जा इकाई भारत के उन्नत परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का हिस्सा है और इसे भारत के स्वदेशी तकनीकी कौशल का प्रतीक माना जा रहा है।

चित्तौड़गढ़Sep 21, 2024 / 11:03 am

Lokendra Sainger

भारत के स्वदेशी तकनीक से निर्मित तीसरे परमाणु ऊर्जा रिएक्टर से जल्द ही बिजली उत्पादन शुरू होने जा रहा है। रावतभाटा बिजली घर में 700 मेगावाट क्षमता की परमाणु इकाई 7 ने गुरुवार रात को उत्पादन शुरू करने की तैयारी के उस पड़ाव को पार कर लिया जिसे तकनीकी भाषा में क्रिटिकलिटी कहा जाता है। यानी परमाणु रिएक्टर नियंत्रित परमाणु विखंडन की प्रक्रिया की शुरुआती अवस्था में पहुंच गया।
इसी के साथ वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए बिजली उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ने का मंच तैयार हो गया है। इस इकाई ने परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एआरबी) की सभी शर्तों को पूरा करने के बाद अहम कसौटी पार की हैं। राजस्थान की यह परमाणु ऊर्जा इकाई भारत के उन्नत परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का हिस्सा है और इसे भारत के स्वदेशी तकनीकी कौशल का प्रतीक माना जा रहा है।
यह परियोजना भारत के ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय उद्देश्यों के लिए बेहद अहम है। यह देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रावतभाटा परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाई 7 देश में स्थापित किए जा रहे 700 मेगावाट के 16 स्वदेशी दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर की श्रृंखला का तीसरा रिएक्टर है।

भारतीय परमाणु तकनीक की मिसाल

रावतभाटा के इस भारी जल रिएक्टर का विकास परमाणु ऊर्जा विभाग ने किया गया है। भारी जल रिएक्टर का मुख्य सिद्धांत है कि इसमें भारी जल (ड्यूटेरियम ऑक्साइड) का उपयोग मॉडरेटर और कूलेंट के रूप में किया जाता है, जो न्यूट्रॉनों को धीमा करके परमाणु विखंडन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह प्रक्रिया स्थायी रूप से ऊर्जा उत्पादन को सुनिश्चित करती है। यह स्वदेशी परमाणु तकनीक की एक मिसाल है।
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1.15 लाख किलो परमाणु ईंधन

परमाणु संयंत्र में एक अगस्त को परमाणु ईंधन भरना शुरू हुआ था। इसे निर्धारित समय में पूरा कर लिया था। इकाई के कलेंड्रिया में 1.15 लाख किलो परमाणु ईंधन भरा गया है।

‘क्रिटिकलिटी’ यानी निर्णायक मोड़

  1. क्रिटिकीलिटी किसी परमाणु रिएक्टर की वह स्थिति है जब विखंडन द्वारा रिसाव या अवशोषण में लापता न्यूट्रॉन की भरपाई के लिए पर्याप्त न्यूट्रॉन बनाए जाते हैं ताकि विखंडन में उत्पन्न न्यूट्रॉन की संख्या स्थिर रहे और सतत ऊर्जा उत्पन्न की जा सके।
  2. इस चरण के बाद रिएक्टर धीरे-धीरे विद्युत उत्पादन बढ़ता है। यह महत्त्वपूर्ण चरण रिएक्टर के सुरक्षित और प्रभावी क्रियान्वयन का संकेत है। यह स्थिति रिएक्टर के तकनीकी और सुरक्षा मानकों की पूर्ति का भी संकेत देती है।

स्वच्छ और स्थिर ऊर्जा स्रोत

परमाणु ऊर्जा को एक स्वच्छ और स्थिर ऊर्जा स्रोत माना जाता है। परमाणु संयंत्रों से विद्युत उत्पादन के दौरान ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत कम होता है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र एक बार चालू हो जाने के बाद लंबे समय तक बिना प्रमुख रखरखाव के बिजली उत्पादन कर सकते हैं। इससे उत्पादन सस्ता पड़ता है।

रावतभाटा जैसे परमाणु ऊर्जा संयंत्र देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जा रहे हैं। इस संयंत्र से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड की क्षमता बढ़ेगी।

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