चित्तौडग़ढ़ जिले सहित प्रदेश भर में मनरेगा श्रमिकों को उधारी में रोजगार तो मिल गया पर परिवार को रोटी नहीं मिल पा रही है। मनरेगा श्रमिकों को राजस्थान में पिछले काफी समय से भुगतान नहीं मिल पा रहा है। इससे श्रमिकों के सामने परिवार के पालन-पोषण को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। भुगतान को लेकर श्रमिक ग्राम पंचायतों व पंचायत समिति कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है पर उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा। प्रदेश के 33 जिलों में 1 करोड़ 33 लाख 43 हजार 30 श्रमिक परिवार हैं। सभी जिलों में श्रमिकों का भुगतान बाकी है। विभाग के पोर्टल के अनुसार 18 अरब 8 करोड़ 16 लाख 56 हजार 773 रुपए की मजदूरी भुगतान अब तक लंबित है।
चित्तौडग़ढ़ जिले में कुल 40 हजार 389 पुरुष एवं महिला श्रमिक मनरेगा में कार्यरत हैं। इनमें भदेसर ब्लॉक में 3927, भैंसरोड़गढ़ में 7056, भूपालसार 2618, चित्तौडग़ढ़ 3054, कपासन 4470, बड़ीसादड़ी 2732, डूंगला 3531, निम्बाहेड़ा 4113, राशमी 2191, बेगूं में 2867 तथा राशमी ब्लॉक में 3830 श्रमिक कार्यरत है।
जिला बकाया राशि चितौड़गढ़ 199768643 भीलवाड़ा 1704080841 प्रतापगढ़ 365269846 उदयपुर 602791264 राजसमंद 470540159 डूंगरपुर 628578077 बांसवाड़ा 300228584 कोटा 190107883 बारा 345363143