Chittorgarh News Update : शहर में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोग अब सिर्फ अपनी नौकरी तक सीमित नहीं रहे। बढ़ती हुई महंगाई और बेहतर जीवन स्तर की चाहत ने लोगों को आय के नए रास्ते तलाशने के लिए मजबूर कर दिया है। इसी कारण शहर में साइड हसल (अतिरिक्त कमाई) का चलन बढ़ रहा है। चित्तौडग़ढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों ने बातचीत में बताया कि वे नौकरी के साथ कई तरह के साइड हसल कर रहे हैं। इनमें वे पार्ट टाइम के तौर पर कंपनियों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट्स को मैनेज, पार्टीज और शादियों के लिए इवेंट प्लानिंग, फोटोग्राफी आदि से जुड़े काम कर रहे हैं।
एक निजी वेबसाइट की रिपोर्ट्स के अनुसार, व्यक्ति जब अपने प्रोफेशन को पैशन के साथ जोड़ता है, तो उसे रोजमर्रा के उबाऊ काम से थोड़ी देर के लिए आराम मिलता है। रुचि के काम को रोजाना करने से मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और आय भी बढ़ जाती है। विदेशों की तरह अब भारत में भी साइड हसल का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा हैं। खासतौर पर युवा कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की चाह में अलग-अलग साइड हसल में किस्मत आजमा रहे हैं। मौजूदा स्किल्स का उपयोग करके लोग करियर में बदलाव भी ला रहे हैं।
समय और प्रबंधन बहुत जरूरी
गांधीनगर निवासी जतिन ने बताया कि साइड हसल न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है बल्कि नया कौशल सिखाने में भी मदद की है। साइड हसल को सफल बनाने के लिए तरीके से काम करना और समय का सही प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि जरूरतों को पूरा करने के बाद अब अच्छी सेविंग भी होने लगी है। नौकरी से पहले सिर्फ जरूरतें ही पूरा हो पाती थीं।
प्रतापनगर निवासी ममता ने बताया कि साइड हसल ने उन्हें रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया है। साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत भी किया है। नौकरी और साइड हसल दोनों को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन साइड हसल के माध्यम से ही खुद का बिजनेस शुरू किया है। आर्थिक स्थिति को और बेहतर बनाने और सपनों को पूरा करने के लिए वे साइड हसल कर रही हैं।