दरअसल 2017 में बशीर मोहम्मद नाम के व्यवसायी ने इस कार्यालय के मुख्यद्वार पर लोहे का एक बोर्ड लगाया। इस बोर्ड पर कार्यालय का नाम लिखा है। बोर्ड लगे आठ साल गुजरने के बावजूद बशीर को उसके काम के 31 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया। ऐसे में मंगलवार को उसके सब्र का बांध टूट गया। वह छैनी-हथोड़े और कुछ श्रमिकों को लेकर डीईओ प्रारंभिक कार्यालय पहुंच गया और बोर्ड को हटाने लगा। उसका कहना था कि आठ साल से भुगतान नहीं हुआ है। अब मैं अपना बोर्ड यहां से तोडक़र ले जाऊंगा।
आनन-फानन में भागे अधिकारी कार्यालय के मुख्यद्वार पर तोड़फोड़ और हो हल्ला सुन विभाग के अधिकारी आनन-फानन में भागे आए। उन्होंने बमुश्किल बशीर को समझाया और एक माह में भुगतान कराने का वादा किया।
इनका कहना है
किसी कारण से व्यवसायी को भुगतान नहीं हो पाया। अब एक माह में भुगतान का आश्वासन दिया गया है।
राजेन्द्र शर्मा, डीईओ प्रारंभिक, चित्तौडग़ढ़ मुझे आठ साल से 31 हजार रुपए के लिए चक्कर कटवाए जा रहे हैं। अगर विभाग के पास पैसे नहीं हैं तो मैं अपना बोर्ड वापस ले जाता हूं। अब एक माह का आश्वासन दिया गया है।