इसके अलावा बस्सी क्षेत्र का मोडिया महादेव बांध लगभग भर चुका है और अब कभी भी छलक सकता है। निबाहेड़ा क्षेत्र के गंभीरी बांध का जल स्तर बढ़कर 19.60 फीट हो गया है और इसमें पानी की आवक लगातार बनी हुई है। इस बांध की क्षमता 23 फीट है।
निबाहेड़ा, राशमी व कपासन में सर्वाधिक बरसात
जिले में रविवार को सुबह आठ बजे से सोमवार को सुबह आठ बजे तक सर्वाधिक 92 मिमी. बारिश निबाहेड़ा में दर्ज की गई। जबकि
चित्तौडग़ढ़ में 41, गंगरार 56, राशमी 82, कपासन 77, बेगूं 51, भदेसर 60, डूंगला 50, बड़ीसादड़ी 68, भैंसरोडग़ढ़ में 50, बस्सी में 68 व भूपालसागर में 76 मिमी. बारिश दर्ज की गई। जबकि सोमवार को सुबह आठ से शाम पांच बजे तक चित्तौडग़ढ़ में 6, गंगरार 9, राशमी 6, कपासन 6, बेगूं में 3, निबाहेड़ा में 6, भदेसर में 5, डूंगला 3, बड़ीसादड़ी 3, भैंसरोडग़ढ़ में 9, बस्सी में 5 व भूपालसागर में 3 मिमी. बारिश दर्ज की गई।
अब तक 88.24 फीसदी बारिश
जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 750 मिमी. है। इसके मुकाबले अब तक 661.82 मिमी. यानी 88.24 फीसदी बारिश हो चुकी है। पन्द्रह बांध पूरी तरह से खाली
जिले में भले ही औसत के मुकाबले अब तक 88.24 फीसदी बारिश हो गई हो पर डूंगला के वागन बांध, बेगूं के रूपारेल, निबाहेड़ा के मुरलिया, चित्तौडग़ढ़ के बनाकिया, गंगरार के सोनियाना, भदेसर के सांवरिया सरोवर, गंगरार के बोरदा व सालेरा, बड़ीसादड़ी के पिण्ड, कपासन के सरोपा, बेगूं के राजगढ़, भदेसर के लुहारिया, बड़ीसादड़ी के पारसोली, कपासन के कांकरिया तथा गंगरार के कुंवालिया बांध पूरी तरह से खाली पड़े हैं।