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संक्रमित बीमारी ब्रुसेलोसिस व लेप्टोस्पायरोसिस भी पांव पसारने लगी है। बरसाती सीजन के चलते अब तक सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त, निमोनिया जैसी बीमारियों के ही रोगी ज्यादा मिल रहे थे। लेकिन, कुछ समय से ब्रुसेलोसिस और लेप्टोस्पायरोसिस के रोगी भी बढऩे लगे हैं। संक्रमण से फैलने वाली इन दोनों बीमारियों की जानकारी कम ही लोगों को है।
कुछ समय से लोगों को अपनी चपेट में ले रही ये बीमारियां चिकित्सा विभाग समेत आमजन के लिए चिंता पैदा कर रही है। दोनों संक्रमित बीमारी ब्रुसेलोसिस और लेप्टोस्पायरोसिस के प्रदेश में अब तक 329 रोगी मिल चुके हैं। इसके बाद
चिकित्सा विभाग में प्रदेश भर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। हालाकि चित्तौडग़ढ़ जिले में अब तक इन दोनों संक्रमण जनित बीमारियों का एक भी रोगी नहीं पाया गया है।
बदलते मौसम में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। कई संक्रमित बीमारियों से बड़े ही नहीं बच्चे चपेट में आ रहे हैं। इस समय मुंह को मास्क या रूमाल से ढ़ककर रखें। घर, दुकान, संस्थान समेत आस-पड़ोस की जगह को साफ.-सुथरा रखें। शरीर को ज्यादा से ज्यादा कपड़ों से ढ़ककर रखें। ताकि, मक्खी-मच्छर व अन्य कीट पतंगे नहीं काटे। फिर भी बीमारी की चपेट में आने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श और इलाज लें।
क्या है ब्रुसिलोसिस व लेप्टोस्पाइरोसिस दोनों ही संक्रमकारी बीमारियां हैं। इनका कारण बैक्टीरिया होता है। ब्रुसेलोसिस जीवाणु संक्रमण है। जो जानवरों से इंसान में फैलता है। यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से मवेशियों, बाइसन और सूअरों में होता है। हालांकि, यह अन्य जानवरों और लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। इसमें इंसान के बुखार, जोड़ों में दर्द, थकान, त्वचा पर लाल चकत्ते, त्वचा पर सूक्ष्म फोड़े, हृदय, यकृत, तिल्ली में सूजन आ जाती है।
इसी तरह लेप्टोस्पायरोसिस जूनोटिक बीमारी है। जो लेप्टोस्पाइरा नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी में रक्त प्लेटलेट्स में कमी, चोट लगना, फेफड़े की बीमारी, लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी और हड्डी में गहरा दर्द होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।