मंदिर प्रबंधन का कहना है कि पोशाक में मुकुट, जूतियां , कानों के कुंडल और पूरे वस्त्र हैं। इसमें चांदी का प्रयोग किया गया है और उसके उपर सोने की भारी पॉलिश की गई है। इसे फिलहाल सोने और चांदी रखने वाली सेफ में रख दिया गया है। प्रबंधन का कहना है कि बड़े त्योंहार और वार पर ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार किया जाता है। ऐसे में उस समय यह ड्रेस धारण कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि श्री सांवलिया सेठ का मंदिर देश ही नहीं दुनिया भर में नामी है। हर साल करोड़ों की संख्या में मंदिर में भक्त आते हैं। देश के धनी मंदिरों में शुमार ठाकुर जी के इस मंदिर में हर साल करीब डेढ़ से दो सौ करोड़ रूपए तक का चढ़ावा चढ़ता है। भारतीय मुद्रा के अलावा विदेशी मुद्रा भी भेंट की जाती है। मंदिर प्रबंधन हर महीने चढ़ावे की गणना करता है। पिछले महीने करीब 18 करोड़ का चढ़ावा आया था और उससे पहले वाले महीने में करीब 19 करोड़ की भेंट आई थी।