शुक्रवार दोपहर बाद अचानक हुए मौसमी परिवर्तन ने वो कहर बरपाया ओलावृष्टि के रूप में कि अंगड़ाई लेती फसलें रह रहकर दम तोड़ती गईं. जनपद मुख्यालय सहित कई ग्रामीण इलाकों में शाम 3 बजे से बादलों की बेरहमी शुरू हुई जिसकी परिणीति भयंकर ओलावृष्टि के रूप में हुई. जनपद के मऊ मनिकपुर पहाड़ी राजापुर भरतकूप थाना क्षेत्रों के कई गांवों में पाव से डेढ़ पाव तक के ओले गिरे. गेंहू जौ चना आलू अरहर सरसों की फसलें वेंटिलेटर पर हैं. कई कई इलाकों में तो पूरा का पूरा खेत ओलों की चादर में ढंक गया. कई बुजुर्गों का कहना था कि उन्होंने भी आज तक इतनी भारी ओलावृष्टि व बारिश नहीं देखी. न जाने कुदरत को क्या मंजूर है.
उधर इस आसमानी कहर से कराह रहे किसानों को ढांढस बंधाने का काम जारी है. जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने बताया कि प्रभावित इलाकों में फसलों के नुकसान के आंकलन का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए गए हैं. प्रशासन किसानों के साथ है.