कृषि अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने चूहों की रोकथाम को लेकर भी सलाह दी है। गेहूं की फसल में चूहों कि रोकथाम करने के लिए जिंक फास्फाइड दवा को कोई भी खाद्य पदार्थ में अच्छी प्रकार से मिला कर तथा इसे खेतों में जहां पर चूहे आते हैं वहां डाल दें और 3-4 दिनों तक पानी न दें। विशयुक्त दवा खाकर चूहों को प्यास लगती है।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि चने की फसल में फूल आना प्रारंभ हो गए हैं, इस स्थिति में सिंचाई न करें, इससे फूल झडऩे की समस्या उत्पन्न हो सकती है। सिंचाई की आवश्यकता प्रतीत होती है तो 50 प्रतिशत फली बनने की अवस्था के बाद दूसरी सिंचाई करें। कई जगह चने की फसल में फूल आना एवं फली बनना प्रारंभ हो गए हैं, फली बनने के समय फली छेदक कीट के आक्रमण की ज्यादा संभावना होती है। ऐसे में किसानों को फसल की निगरानी की सलाह दी गई है और यदि कीट दिखाई दे तो रोकथाम हेतु दवा का छिडक़ाव करने को कहा गया है।