बीजेपी इस बार हर हाल में छिंदवाड़ा का किला ढहाना चाहती है और कमलनाथ की जोरदार घेराबंदी भी की है। छिंदवाड़ा के हजारों आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लेकर कमलनाथ के खासमखास पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना और अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह तक को बीजेपी तोड़ चुकी है। कमलनाथ वाकई अपने जीवन के सबसे कठिन संघर्ष से गुजर रहे हैं। वे वक्त की नजाकत भांप चुके हैं और यही कारण है कि अपनी जनसभाओं में भावुक अपील कर रहे हैं।
भावुक अपील— छिंदवाड़ा मेरा परिवार
केवल कमलनाथ ही नहीं, उनके सांसद पुत्र नकुलनाथ और पुत्र वधू प्रियानाथ भी वोटर्स की भावनाएं उभारने की कोशिश कर रहे हैं। तीनों के बयान ही बता रहे हैं कि छिंदवाड़ा अब उनके आसान नहीं रहा। इस बार के चुनाव में कमलनाथ और नकुलनाथ हर सभा में छिंदवाड़ा को अपना परिवार बता रहे हैं। बुधवार को कमलनाथ ने चौरई और चांद में जनसभाओं में कहा कि छिंदवाड़ा जैसा जिला पूरे विश्व में कहीं और नहीं है। उन्होंने अपनी कई उपलब्धियां गिनाई पर यह कहना नहीं भूले कि छिंदवाड़ा मेरा परिवार है।
परिवार ने कभी निराश नहीं किया
वे अपनी हर सभा में कह रहे हैं कि जिले के परिवारजनों के सहयोग से ही मैंने छिंदवाड़ा का विकास किया। चौरई में वे बोले— मुझे कई जिलों में कहा गया कि हमारे जिले को गोद लें। यहां से चुनाव लडें, जीतने का जिम्मा हमारा लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने कहा-मेरा परिवार है छिंदवाड़ा, जिसे मैं नहीं छोड़ सकता। मेरे परिवार ने कभी निराश नहीं किया।
बहू बोल रहीं—कमलनाथ को देखकर होता है दुख
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ, छिंदवाड़ा के लिए कमलनाथ के त्याग की चर्चा करते हैं। वे कहते हैं कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, पूरी जवानी यहीं खपा दी। भावुक बातें करने में प्रियानाथ तो सबसे आगे निकल गईं लगती हैं। वे अपनी सभाओं में कह रहीं हैं कि कमलनाथ ने जिन लोगों को परिवार का सदस्य माना, अग्निपरीक्षा के समय उन लोगों ने धोखा दे दिया। कमलनाथ को देखती हूं तो बेहद दुख होता है।