बीते दिनों नागपुर में आयोजित हुई दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत दो दिवसीय मजदूर कांग्रेस यूनियन एवं प्रशासन(पीएनएम)की संयुक्त बैठक में यूनियन के पदाधिकारियों ने भी छिंदवाड़ा रेलवे अस्पताल में डॉक्टर के नियुक्त न होने का मुद उठाया था। पदाधिकारियों ने बताया कि डीआरएम ने जल्द ही डॉक्टर के नियुक्त करने का आश्वासन दिया है। इसके लिए प्रक्रिया भी चल रही है। पांच जनवरी को नागपुर में साक्षात्कार भी होना है। इस बार वेटिंग लिस्ट में भी डॉक्टरों को रखा जाएगा। जिससे अगर एक डॉक्टर इस्तीफा देता है तो दूसरे को तत्काल बुला लिया जाए।
रेलवे अस्पताल में एक एमबीबीएस डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक ड्रेसर, एक नर्स, दो प्यून एवं एक सफाईकर्मी का पद स्वीकृत है। डॉक्टर को छोडक़र यहां सभी पद पर स्टाफ की तैनाती है। यहां प्रतिदिन 30 मरीजों की ओपीडी रहती है। अगर गंभीर बीमारी है तो मरीज को जिला अस्पताल या फिर नागपुर रेफर कर दिया जाता है।
रेलवे पेंशनर्स, कर्मचारी की मांग पर रेलवे अस्पताल में वर्ष 2017 में हैदराबाद के डॉक्टर चंद्रकांत रानाडे को अस्थाई तौर पर नियुक्त किया गया। लगभग आठ माह तक सेवाएं देने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कम वेतन मिलने की वजह से डॉक्टर ने इस्तीफा दिया था।