छिंदवाड़ा

हनुमानजी ने कराई श्रीराम-सुग्रीव की मित्रता

हनुमान कथा श्रद्धालुओं को सुना रही हैं।

छिंदवाड़ाMay 26, 2019 / 05:23 pm

arun garhewal

हनुमानजी ने कराई श्रीराम-सुग्रीव की मित्रता

छिंदवाड़ा. उमरेठ. महावीर मंदिर में श्री हनुमान कथा 22 मई से चल रही है इसमें उप्र से आईं अखिलेश्वरी देवी प्रति दिन हनुमान कथा श्रद्धालुओं को सुना रही हैं।
हनुमान कथा के चौथे दिन कथा अमृत के माध्य्म से भक्ति रस की वर्षा कर रही हैं। 24 मई को अपने प्रवचन में बड़े ही भाव पुर्ण ढंग से उन्होंने सीता हरण की कथा सुनाई। सीता हरण के बाद भगवान राम अपने अनुज लक्ष्मण के साथ वन में सीता की खोज करते जा रहे थे। इसी बीच उन्हें राह में गिद्धराज जटायु घायल हाल में मिले। गिद्धराज ने ही श्रीराम को सीता हरण की जानकारी दी।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जटायु का उद्धार करने के बाद शबरी के आश्रम में पहुंचे। वहां शबरी के आतिथ्य के बाद शबरी को नवधाभक्ति का ज्ञान दिया। शबरी ने सुग्रीव से मित्रता करने के लिए श्रीराम को ऋषिमूक पर्वत जाने की बात कहती है। जैसे ही भगवान राम अनुज लक्ष्मण के साथ पर्वत के पास पहुंचते हैं। सुग्रीव दोनों को देखकर हैरान हो जाते हैं और दोनों के भेद जानने के लिए हनुमान को चतुराई से पता लगाने के लिए भेजा जाता है। हनुमान विप्र का रूप धारण कर भगवान के पास पहुंचते हैं और दोनों की पहचान हो जाती है। हनुमान भगवान राम के चरणों में पड़ जाते हैं। हनुमान राम और लक्ष्मण को अपने कंधे पर बैठाकर सुग्रीव के पास पहुंचते हैं। इसके बाद हनुमान राम, लक्ष्मण की मित्रता सुग्रीव से कराते है। भगवान राम सुग्रीव की मदद के लिए तैयार होते हैं। बालि और सुग्रीव के बीच युद्ध के दौरान राम ने बालि का वध कर दिया। सग्रीव की सेना माता सीता का पता लगाने के लिए चारों ओर जाती है। इधर जामवंत अंगद के साथ हनुमान भी सीता का पता लगाने के लिए निकले। लंका पहुंचकर हनुमानजी ने ही समूची लंका को जलाकर राख कर दिया।

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