दरअसल, जिले के उमरानाला पेट्रोल पंप के पास नेवले के साथ हुई लड़ाई में कोबरा सांप बुरी तरह से घायल हो गया था। नेवले के हमले से कोबरा का जबड़ा बुरी तरह से लहूलुहान हो गया था, जिसे सर्पमित्र की मदद से पशु चिकित्सालय छिंदवाड़ा लाया गया। करीब 45 मिनट तक चले ऑपरेशन के बाद कोबरा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया, जिसे अब जंगल में छोड़ दिया गया है।
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आधे घंटे की लड़ाई में घायल हुआ था कोबरा
वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. अंकित मेश्राम ने बताया कि, उमरानाला के पास सांप और नेवले के बीच लगभग आधे घंटे लड़ाई चली, जिसके बाद नेवले ने सांप के जबड़े और दो दांत को बुरी तरह तोड़ दिया। लड़ाई के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने नेवले को वहां से भगा दिया, वहीं सांप भी जख्मी हालत में एक पेड़ पर चढ़कर बैठ गया था। लगातार उसके जबड़े से खून बह रहा था। ऐसे में कुछ लोगों ने सर्पमित्र मनीष साहू को सूचना दी, जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर सांप का रेस्क्यू कर उसे पेड़ से नीचे उतारा। वहीं, सर्प मित्र द्वारा उसे छिंदवाड़ा के पशु चिकित्सालय लाया गया।
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45 मिनट में की गई सर्जरी
वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित मेश्राम द्वारा कोबरा सांप की जांच करने पर पाया गया, कि सांप का निचला जबड़ा और ऊपर के दोनों विषैले दांत क्षतिग्रस्त हो गए हैं और गर्दन के ऊपर से कुछ पसलियां शरीर के बाहर आ गई है। कोबरा की गंभीर स्थिति को देखते हुए जांच के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा सबसे पहले उसे एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया गया और लगभग 45 मिनट से ज्यादा चली जटिल सर्जरी के बाद कोबरा सांप को होश आया, जिसमें निचले जबड़े में और पसलियों को अंदर करके घूलने वाले टांके लगाए गए। सांप को होश आने के बाद एंटीबायोटिक और दर्द नाशक इंजेक्शन दिया गया। इसके साथ ही 3 दिन तक उसकी देखरेख करने के बाद स्वस्थ अवस्था में सोमवार को उसे जंगल में छोड़ दिया गया।
कोबरा को मिला नया जीवन
वन्य प्राणी विशेषज्ञ द्के अनुसार, इससे पहले भी जिले में कई कोबरा सांपों की सर्जरी कर उनकी जान बचाई गई है। लेकिन, ये सर्जरी अब तक की सबसे जटिल सर्जरी थी। कोबरा सांप के निचले जबड़े और गर्दन के पास गंभीर चोट होने के साथ-साथ कुछ पसलियां शरीर से बाहर आने की वजह से उसे पकड़ना बहुत मुश्किल था,परंतु सर्पमित्र हेमंत गोदरे द्वारा अपने अनुभव से कोबरा सांप को शल्यक्रिया हेतु सुरक्षित कंट्रोल किया,जिससे शल्यक्रिया समय पर सफलतापूर्वक हो पाई और कोबरा सांप की जान बच सकी। इस जटिल सर्जरी में सर्पमित्र हेमंत गोदरे, मनीष साहू एवं राहुल राहंगडाले की अहम भूमिका रही।
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