छिंदवाड़ा. बारिश के मौसम में मकान, खेत, नदी-नाले या फिर खुले स्थान पर तीन जहरीले सर्प कोबरा, करैत और रसल्स वाइपर दिख जाएं तो सावधान हो जाइएगा। इनके दंश से आदमी पानी भी नहीं मांगता और उसकी मौत हो जाती है।
सर्प विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश होते ही ये अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और अपने जीवन के अनुकूल वातावरण ढूंढने लगते हैं। खासकर मकान की नालियों और पाइप के आसपास इन्हें देखा जा सकता है। इसके अलावा अन्य स्थानों में इनकी मौजूदगी दहशत पैदा कर देती है। ये सर्प बेवजह नहीं काटते। छेड़े जाने पर खतरनाक हो जाते हैं।
इन सर्प में पाया जाता है पॉइजनकोबरा- छिंदवाड़ा के लोग इसे नाग के नाम से जानते हैं। ये खतरा होने की स्थिति में फ न खोलकर बैठ जाता है, जिससे ये ज्यादा डरावना लगता है। इस सर्प में न्यूरोटोसिस पॉइजन पाया जाता है।
करैत- काला सफेद धारी वाला ये सर्प रात में अधिक दिखाई देता है। ये स्पंदन करते हुए चलता है। इस सर्प में न्यूरोटॉक्सिस पॉइजन पाया जाता है। इस सर्प को स्थानीय लोग कोढिय़ा के नाम से जानते हैं।
रसल्स वाइपर- गोल्डन ब्राउन पीठ पर काले गोल छल्ले वाला ये सर्प होमोटॉक्सिस पॉइजन वाला होता है। ये सर्प दिन व रात दोनों समय सक्रिय होते है। स्थानीय भाषा में इसे पररावन के नाम से जानते हैं।
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